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Hindi News भारत राष्ट्रीय दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण से राहत दिलाएगा पश्चिमी विक्षोप, 2 दिन बाद हवा से छंटेगी धुंध

दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण से राहत दिलाएगा पश्चिमी विक्षोप, 2 दिन बाद हवा से छंटेगी धुंध

पिछले सप्ताह मानसून की वापसी के बाद हवा की गति मंद पड़ने के कारण दिल्ली, हरियाणा और एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण बढ़ गया है। 18 अक्टूबर को पश्चिमी विक्षोभ के कारण पश्चिमी हवाओं की गति में इजाफा होने का अनुमान है

Relief from pollution likely in Delhi NCR as first western disturbance expected on October 18th- India TV Hindi Image Source : AGENCY Relief from pollution likely in Delhi NCR as first western disturbance expected on October 18th

नई दिल्ली। दक्षिण पश्चिम मानसून की लगभग एक महीने की विलंब से हुई वापसी के बाद मौसम के मिजाज में आये बदलाव की वजह से दिल्ली एनसीआर में बढ़े वायु प्रदूषण के संकट से दो दिन बाद पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता आंशिक राहत देगी। मौसम विभाग की उत्तर क्षेत्रीय पूर्वानुमान इकाई के वैज्ञानिक डा.कुलदीप श्रीवास्तव ने मंगलवार को बताया कि पिछले सप्ताह मानसून की वापसी के बाद हवा की गति मंद पड़ने के कारण दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि 18 अक्टूबर को पश्चिमी विक्षोभ के कारण दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में पश्चिमी हवाओं की गति में इजाफा होने का अनुमान है, जो कि समूचे क्षेत्र में वायु प्रदूषण बढ़ाने वाली धुंध की परत छटने में मददगार साबित होगी।

प्रदूषण पर निगरानी रखने वाली केन्द्र सरकार की एजेंसी ‘सफर’ के आंकड़ों के मुताबिक वायु प्रदूषण की गुणवत्ता में गिरावट के लिये जिम्मेदार पार्टीकुलेट तत्व पीएम 10 का दिल्ली में मंगलवार को स्तर 210 और पीएम 2.5 का स्तर 109 है, इसके अगले दो दिन में बढ़कर क्रमश: 231 और 120 तक पहुचंने का अनुमान है। मानकों के मुताबिक फिलहाल यह ‘खराब’ और ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है।

डा.श्रीवास्तव ने कहा कि मानसून वापसी के बाद यह पहला पश्चिमी विक्षोभ है। उत्तरी क्षेत्र से पश्चिमी हवाओं को लाने वाले इस विक्षोभ का जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा तक रहेगा। इसकी वजह से उत्तरी क्षेत्र में सर्द हवाओं में इजाफा होगा। उन्होंने बताया कि दीवाली तक उत्तर के मैदानी इलाकों में सुबह और रात के समय सर्दी बढ़ेगी।

मानसून की देर से वापसी के तापमान में तेजी से गिरावट के कारण इस साल अधिक सर्दी होने की आशंका के सवाल पर डा.श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले सालों की तुलना में इस साल थोड़ा ज्यादा सर्दी होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है, लेकिन तापमान में कितनी अधिक गिरावट आयेगी, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि पश्चिमी विक्षोभ कितनी बार सक्रिय होगा। उन्होंने कहा कि 12 अक्टूबर को मानसून की वापसी के बाद अब तक अधिकतम और न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गयी है। दीवाली तक इसमें एक से दो डिग्री सेल्सियस की और गिरावट आ सकती है।

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