नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने पर बड़ा बयान दिया है। भागवत ने झारखंड के देवघर में कहा कि मुस्लिम और ईसाई राम मंदिर के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि इनके नाम पर राजनीति करने वाले कट्टरपंथी और गुंडागर्दी करने वाले राम मंदिर नहीं बनने देना चाहते हैं। देवघर के सारठ में आयोजित हिंदू समागम में भागवत ने कहा कि राम मंदिर हम वहीं चाहते हैं, जहां भगवान राम का जन्म हुआ था। वाशिंगटन या दूसरी जगह पर नहीं चाहते। उन्होंने सवाल उठाया कि इसके लिए हम लोगों को लड़ना क्यों पड़ रहा है?
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भागवत ने कहा कि एकसाथ मिलकर चलें यही हिंदुस्तान की विशेषता है। सबको साथ लेकर चलने की सीख भारत देता है। हिंदू किसी की तौहीन नहीं करता, लेकिन उसकी उदारता व भोलेपन का फायदा उठा लिया जाता है। हिंदू समाज को ऐसा बनाना होगा कि वह न तो भय दिखाए और न ही भय खाए।
भागवत झारखंड में धर्मांतरण पर विराम के मकसद से धर्म संस्कृति रक्षा समिति की ओर से आयोजित विराट हिंदू समागम को बतौर मुख्यवक्ता संबोधित कर रहे थे। सारठ (देवघर) के कुम्हराबांधी मैदान में जुटे लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एक ही सूत्र हिंदुत्व है जो पूरे देश को जोड़ सकता है। उन्होंने रामायण के लंका विजय प्रसंग को सुनाया। रघुपति राघव की मर्यादा व हनुमान के सील को दोहराया। कहा कि धर्म के चार पैर सत्य, करुणा, सील एवं तपस्या हैं। हिंदुओं के पास सत्य है, लेकिन शक्ति नहीं और शक्ति सील के साथ होती है।
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