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Hindi News भारत राष्ट्रीय निर्भया केस: सुप्रीम कोर्ट ने पवन सिंह की फांसी रोकने की याचिका खारिज की, चारों दोषियों को सुबह 5:30 बजे फांसी तय

निर्भया केस: सुप्रीम कोर्ट ने पवन सिंह की फांसी रोकने की याचिका खारिज की, चारों दोषियों को सुबह 5:30 बजे फांसी तय

सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया मामले में दोषी पवन सिंह की फांसी रोकने की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट में सुनवाई को दौरान वकील एपी सिंह ने पवन के स्कूल का प्रमाण पत्र, स्कूल रजिस्टर और पवन की स्कूल में उपस्थिती के रजिस्टर पेश किए।

SC dismisses the petition of death row convict Pawan Gupta against rejection of his mercy plea by th- India TV Hindi SC dismisses the petition of death row convict Pawan Gupta against rejection of his mercy plea by the President and seeking stay on execution

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया मामले में दोषी पवन सिंह की फांसी रोकने की तरफ से दायर याचिका को खारिज कर दिया है। अब इसके बाद यह साफ हो गया है कि चारों दोषियों को आज सुबह 5:30 बजे फांसी दी जाएगी। कोर्ट में हुई इस सुनवाई को दौरान दोषी के वकील एपी सिंह ने पवन के स्कूल का प्रमाण पत्र, स्कूल रजिस्टर और पवन की स्कूल में उपस्थिती का रजिस्टर पेश किए। एपी सिंह ने यह दलील दी कि अपराध के समय पवन नाबिलिग था। एपी सिंह की इस दलील पर न्यायमूर्ति भूषण ने कहा कि यह दस्तावेज उनके द्वारा पहले ही अदालतों में दायर किए गए थे। न्यायमूर्ति भूषण ने आगे कहा कि एपी सिंह उन आधारों को उठा रहे हैं जिनपर पहले ही बहस हो चुकी हैं।

यह मामला 16 दिसंबर 2012 की रात 23 वर्षीय फिजियोथेरेपी की छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म से संबंधित है, जिसे बाद में काल्पनिक तौर पर 'निर्भया' नाम दिया गया। निर्भया के साथ उस रात चलती बस में छह लोगों द्वारा बेहरमी से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। इस दौरान दोषियों ने उसके साथ काफी ज्यादती भी की। दोषियों ने इस दौरान निर्भया के साथ मौजूद उसके एक दोस्त के साथ भी मारपीट की। इसके बाद उन दोनों को सड़क पर भी फेंक दिया गया।

निर्भया के साथ ऐसी दरिंदगी की गई थी कि अस्पताल में इलाज के बावजूद 13 दिनों बाद उसने दम तोड़ दिया। हमलावरों ने उसके प्राइवेट पार्ट में रॉड डाली, जिससे उसकी आंतें तक निकल आई। अपराध की क्रूरता ने देशभर के लोगों को हिलाकर रख दिया। इस घटना के बाद देशभर में महिला सुरक्षा व कानून व्यवस्था को सख्त बनाने के लिए लोग सड़कों पर उतर आए थे।

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