नई दिल्ली: गुरुवार को सेंसेक्स और निफ्टी 3 फीसदी से ज्यादा टूट गए। मई 2014 के बाद बाजार अपने सबसे निचले स्तर पर जाकर बंद हुए। इस हफ्ते के शुरुआती चारों दिन बाजार में गिरावट का रुख रहा। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की चेयरपर्सन जेनेट येलन द्वारा वैश्विक मंदी गहराने की चिंता जाहिर करने के बाद बाजार में अचानक तेज गिरावट आई।
उन्होंने कहा कि इकोनॉमी में थोड़ी मंदी का खतरा हमेशा बना रहता है लेकिन इकोनॉमी पर अभी कुछ भी साफ-साफ कह देना ठीक नहीं होगा। ब्याज दरें बढ़ाने से ग्लोबल इकोनॉमी में सुस्ती आएगी, जिससे अमेरिका की ग्रोथ को खतरा हो सकता है। इसलिए फिलहाल दरें बढ़ाई नहीं हैं लेकिन इनमें कटौती करने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मंदी की गहराती चिंता से बेजार बंबई स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 807 अंक गिरकर 22951 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ्टी 239 अंक की गिरावट के साथ 6976 के स्तर पर बंद हुआ।
एनएसई पर सभी सेक्टर इंडेक्स तीन फीसदी से छह फीसदी तक गिरकर बंद हुए है। बैंक निफ्टी चार फीसदी, ऑटो, मीडिया, एनर्जी में चार फीसदी की गिरावट रही है। जबकि रियल्टी इंडेक्स 6 फीसदी गिरकर 131 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी के 50 में से 47 स्टॉक्स में तेज गिरावट देखने को मिली। बीएचईएल, अंबुजा सीमेंटस, सिप्ला, आईसीआईसीआई बैंक और भारती एयरटेल डेढ़ फीसदी से तीन फीसदी तक टूट गए है।
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