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Hindi News भारत राष्ट्रीय राज्यों की बेरुखी: रेलवे की क्षमता 300 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की, पर पटरियों पर सिर्फ 101 ट्रेनें, जानिए कौन सा राज्य फिसड्डी

राज्यों की बेरुखी: रेलवे की क्षमता 300 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की, पर पटरियों पर सिर्फ 101 ट्रेनें, जानिए कौन सा राज्य फिसड्डी

ट्रेनों के परिचालन में राज्यों की अहम भूमिका है, लेकिन आंकड़े देखकर नहीं लगता कि राज्यों को अपने मजदूरों को वापस बुलाने की चिंता भी है।

<p>Shramik Special Trains </p>- India TV Hindi Image Source : AP Shramik Special Trains 

महानगरों में थमी कोरोबारी गतिविधियों के चलते देश भर में मजदूरों का पलायन जारी है। मजदूरों की सहूलियत के लिए रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रहा है। इन ट्रेनों के परिचालन में राज्यों की अहम भूमिका है, लेकिन आंकड़े देखकर नहीं लगता कि राज्यों को अपने मजदूरों को वापस बुलाने की चिंता भी है। राज्यों की इसी बेरुखी के चलते रेलवे 300 ट्रेनें चलाने की अपनी क्षमता के मुकाबले मात्र एक तिहाई ट्रेनें ही चला पा रहा है। रेलवे के अनुसार रविवार को मात्र 101 ट्रेनों का परिचालन हुआ। जो क्षमता के मुकाबले काफी कम है। 

राज्यों की इस बेरुखी पर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी चिंता जताई है। उन्होंने राज्यों से अपील की है कि वे इस बड़े अभियान में रेलवे का सहयोग करें और राज्य के नागरिकों को दूसरे राज्यों से वापस बुलाने में सहयोग करें। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर कहा कि रेलवे अल्प अवधि सूचना पर भी हर रोज 300 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए तैयार है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "माननीय पीएम नरेंद्रमोदी जी के निर्देश के अनुसार, रेलवे अल्प अवधि सूचना पर भी पिछले छह दिनों से हर रोज 300 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए तैयार है। मैं सभी राज्यों से अपील करता हूं कि वे अपने फंसे प्रवासियों को बाहर निकालने और वापस लाने की अनुमति दें ताकि हम सभी को अगले 3-4 दिनों में उनके घर वापस पहुंचा सकें।"

रेलवे ने बढ़ाई क्षमता

रेलवे के अनुसार अब तक 448 ट्रेनें शुरू की गई हैं, जिसमें से 363 ट्रेनें अपने गंतव्य तक पहुंच चुकी हैं। वहीं 105 ट्रेनें रास्ते में हैं वहीं 50 ट्रेनें पाइपलाइन में हैं। रेलवे ने लॉकडाउन के दौर में चल रही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की क्षमता भी बढ़ा दी है। रेलवे ने पहले एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन में 1200 लोगों की व्यवस्था की थी, लेकिन अब यह क्षमता बढ़ाकर 1600 कर दी है। इस प्रकार अब 400 लोग और इस ट्रेन के जरिए अपने घरों तक जा सकते हैं। रेलवे के अनुसार वह इस समय 300 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला सकता है। लेकिन इस समय करीब 100 ट्रेनें ही संचालित की जा रही हैं। राज्य यदि सहयोग देते हैं तो ट्रेनों की संख्या में बढ़ोत्तरी की जा सकती है। 

पश्चिम बंगाल में सबसे कम ट्रेनें

Image Source : Indian RailwaysState wise status of Shramik trains termination

केंद्रीय गृह सचिव ने रविवार को देश के विभिन्न राज्यों के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भी श्रमिकों के लिए व्यवस्था करने का मुद्दा उठाया था। उन्होंने विशेष रूप से पश्चिम बंगाल सहित विभिन्न राज्यों से अपील की कि वे ट्रेनों का परिचालन बढ़ाने की कोशिश करें। उन्होंने खास तौर पर पश्चिम बंगाल पर चिंता जताई जहां सबसे कम ट्रेनों का परिचालन हुआ है।

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