नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सत्तापक्ष की तैयारियों को तगड़ा झटका लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा का विजय रथ रोकने के लिए कांग्रेस, आरजेडी और जदयू एक हुए थे इस गठबंधन को समाजवादी पार्टी का भी साथ मिला हुआ था। लेकिन सीटों के बंटवारे को लेकर सपा कुछ ऐसी खफा हुई कि उसने राज्य में अकेले चुनाव लड़ने का मन बना लिया। आज हुई पार्टी के संसदीय दल अहम बैठक में यह फैसला लिया गया। सपा के इस फैसले का ऐलान पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव ने किया। हालांकि रामगोपाल यादव ने इस टूट की अहम वजह के बारे में ज्यादा कुछ नहीं किया। गौरतलब है कि बिहार में अक्टूबर नवंबर के दौरान विधानसभा चुनाव होने हैं जिसके लिए हर पार्टी अपनी अपनी तैयारियों में तेजी दिखा रह है।
कहां से बिगड़ी बात-
मुलायम सिंह सीटों के बंटवारे में सिर्फ पांच सीटे मिलने से नाराज थे। वो राज्य में कुछ ज्यादा उम्मीदवार उतारना चाहते थे। अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए हाल ही में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव पटना के गांधी मैदान में हुई महागठबंधन की स्वाभिमान रैली में नहीं पहुंचे थे। सपा सुप्रीमों के ऐसा करने से यह साफ हो गया था कि महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।
महागठबंधन में सीटों का बंटवारा-
बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी, जेडीयू, कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ रही है। आरजेडी और जेडीयू 100-100 जबकि कांग्रेस 40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
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