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Hindi News भारत राष्ट्रीय जंतर-मंतर: किसानों ने पिया अपना यूरिन तो मनाने पहुंचे सीएम पलानीस्वामी, रहे असफल

जंतर-मंतर: किसानों ने पिया अपना यूरिन तो मनाने पहुंचे सीएम पलानीस्वामी, रहे असफल

तमिलनाडु के सूखा प्रभावित जिलों के किसानों से मिलने आज राज्य के मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचे। वहां पर उन्होंने तमिलनाडु के किसानों से मुलाकात की जो कि काफी वक्त से वहां पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

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नई दिल्ली: तमिलनाडु के सूखा प्रभावित जिलों के किसानों से मिलने आज राज्य के मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचे। वहां पर उन्होंने तमिलनाडु के किसानों से मुलाकात की जो कि काफी वक्त से वहां पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने किसानों से आंदोलन समाप्त करने की अपील की थी।

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पलानीस्वामी के सामने किसानों ने मांग रखी कि वे चाहते हैं कि उनका कर्ज जल्द से जल्द माफ हो जाए। किसानों ने यूपी की नई सरकार का भी जिक्र किया जिन्होंने हाल ही में किसानों का कर्ज माफ किया है। इसपर पलानीस्वामी ने किसानों से वादा किया कि वे उनकी मांगों को पीएम तक लेकर जाएंगे। उन्होंने किसानों से हड़ताल को खत्म करने का भी आग्रह किया। लेकिन किसानों ने फिलहाल हड़ताल खत्म ना करने का मन बनाया है। वहां बैठे किसानों में से एक ने कहा, ‘तमिलनाडु के सीएम ने हमसे वादा किया है कि वह पीएम से हमारी मुलाकात कराएंगे, लेकिन तबतक हम लोग हड़ताल जारी रखेंगे।’

अपनी यूरीन पीकर किसान कर रहे है प्रदर्शन
आपको बता दें कि सूखा प्रभावित किसान कर्ज माफी के लिए 14 मार्च से जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। शनिवार को किसानों जंतर-मंतर पर अपना प्रदर्शन बेहद आक्रामक बना दिया। प्रदर्शनकारी किसानों ने कांच की बोतलों और बाल्टी में मानव मूत्र भरकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उनके राज्य में पानी की किल्लत को अगर सरकार दूर नहीं करती है, तो वे अपना मूत्र पीकर इसका विरोध करेंगे। ये किसान 14 मार्च से जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।

इतने सालों से बाद तमिलनाडु में सबसे बड़ा सूखा
सिर्फ खेती ही नहीं, किसानों को पीने की पानी की भी समस्या है। एक किसान ने कहा कि पानी लेने के लिए कई किलोमीटर सफर करना पड़ता है। किसान ने कहा तमिलनाडु में किसानों की समस्या ज्यादा है, लेकिन सरकार कुछ कर नहीं रही है। 140 सालों में तमिलनाडु में इतना बड़ा सूखा पड़ा है। कावेरी नदी में पानी ना आने की वजह से किसान परेशान हैं।
 
किसानों की ये है मांग
किसानों की जो मुख्य मांगें है वह है 60 साल से ज्यादा उम्र के किसानों को पेंशन दी जाए। किसानों की मदद के लिए सरकार सूखा राहत फंड बनाए। किसानों ने सरकारी बैंकों से जो लोन लिया है उसे माफ़ कर दिया जाए। पानी के सुविधा के लिए सभी नदियों को जोड़ा जाए।

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