मुंबई: टाटा संस के बेदखल अध्यक्ष साइरस मिस्त्री ने सोमवार को कहा कि "टाटा समूह किसी की निजी जागीर नहीं है।" मिस्त्री ने समूह के शेयरधारकों को लिखे अपने पत्र में यह बातें कही है। यह पत्र मिस्त्री को टाटा समूह की कंपनियों के बोर्ड से निकालने के लिए बुलाई गई असाधारण आमसभा (ईजीएम) से पहले आया है।
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मिस्त्री ने अपने पत्र में कहा, "टाटा समूह की किसी की निजी जागीर नहीं है। यह किसी एक व्यक्ति का नहीं है, न ही यह टाटा के ट्रस्टियों का है, न ही यह टाटा संस के निदेशक का है, न ही सक्रिय कंपनियों के निदेशकों का है।"
इसमें कहा गया, "यह समूह के शेयरधारकों का है, जिसमें आप सभी शामिल हैं। मैं इसलिए आप सबसे गुजारिश करता हूं कि आप अपनी आवाज तेजी से और स्पष्टता से उठाएं। मैं आपसे भविष्य को परिभाषित करने का हिस्सा बनने की गुजारिश करता हूं।"
उन्होंने लिखा, "टाटा संस, खासतौर पर टाटा के ट्रस्टों की संचालन व्यवस्था में सुधार जरूरी है। सरकार का यह स्वाभाविक दायित्व है कि वह टाटा ट्रस्ट की बिगड़ी संचालन व्यवस्था में सुधार के लिए हस्तक्षेप करे, जो कि सार्वजनिक चैरिटेबल ट्रस्ट हैं और भारत के लोगों की संपत्ति है और यहां पारदर्शी संचालन व्यवस्था लागू की जाए।"
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