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Hindi News भारत राष्ट्रीय ‘नैनो कार परियोजना पर टाटा समूह को एक हजार करोड़ रुपये की हानि हुई’

‘नैनो कार परियोजना पर टाटा समूह को एक हजार करोड़ रुपये की हानि हुई’

टाटा उद्योग समूह के चेयरमैन पद से अचानक हटाये जाने से आहत साइरस मिस्त्री ने टाटा संस के निदेशक मंडल के सदस्यों को लिखे एक गोपनीय किंतु विस्फोटक ईमेल में उन्होंने आरोप लगाया

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नई दिल्ली: टाटा उद्योग समूह के चेयरमैन पद से अचानक हटाये जाने से आहत साइरस मिस्त्री ने टाटा संस के निदेशक मंडल के सदस्यों को लिखे एक गोपनीय किंतु विस्फोटक ईमेल में उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें अपनी बात रखने का कोई मौका दिए बिना ही भारत के सबसे बड़े औद्योगिक समूह के चेयरमैन पद से हटाया गया। मिस्त्री का कहना है कि उनके खिलाफ यह कार्रवाई चटपट अंदाज में की गयी। उन्हेंने इसे कारपोरेट जगत के इतिहास की अनूठी घटना बताया।

मिस्त्री ने लिखा है कि हम नैनो को इसलिए बंद नहीं कर सके क्योंकि इससे भावनात्मक मुद्दा जुड़ा हुआ था और ऐसा करने का मतलब होता कि इलेक्टि्रक कार बनाने वाली एक ऐसी कंपनी को 'ग्लाइडर' की आपूर्ति बंद हो जाती जिसमें रतन टाटा की बड़ी हिस्सेदारी है। इसके बाद उन्होंने लिखा है कि एक लाख की कीमत के भीतर कार बनाने की यह योजना शुरु से ही लागत से ज्यादा की रही। इस परियोजना पर टाटा समूह को एक हजार करोड़ रुपये की हानि उठानी पड़ी है।

साइरस मिस्त्री ने कहा कि उन्हें समस्याएं विरासत में मिली। उन्होंने कंपनी के निदेशन का मुद्दा भी उठाया है और कहा है कि निदेशक मंडल में टाटा पारिवार के ट्रस्टों :न्यासों: के प्रतिनिधि केवल डाकिये बन कर रह गए थे। व बैठकों को बीच में छो छोड़कर श्रीमान टाटा से निर्देश लेने चले जाते थे।

मिस्त्री ने आरोप लगाया है कि यह रतन टाटा ही थे जिन्होंने समूह को विमानन क्षेत्र में कदम रखने को मजबूर किया था और उनके लिए :मिस्त्री के लिए: एयर एशिया तथा सिंगापुर एयरलाइंस के साथ हाथ मिलाना एक औपचारिकता मात्र बची थी। उन्होंने कहा है कि समूह को नागर विमानन क्षेत्र में उतरने के लिए पहले की योजनाअें से कही अधिक पूंजी डालनी पड़ी। मिस्त्री ने कुछ सौदों को लेकर नैतिक रूप से चिंता जतायी गयी थी और हाल में फोरेंसिक जांच से 22 करोड़ रपये के धोखाधड़ी वाले सौदों का खुलासा हुआ। इसमें भारत और सिंगापुर में ऐसे पक्ष जुड़े थे जो वास्तव में हैं ही नहीं।

उन्होंने आगाह किया है कि उन्होंने समूह की घाटे वाली जिन पांच कंपनियों की पहचान की है उनकी वजह से नमक से लेकर साफ्टवेयर बनाने वाले टाटा समूह की सम्पत्तियों पर 1.18 लाख करोड़ रपये का बट्टा लग सकता है। खाते में डालना पड़ सकता है। उन्हें ये पांच नुकसान वाली कंपनियां विरासत में मिली थीं।
अपने रिकार्ड का बचाव करते हुए मिस्त्री ने कहा कि उन्हें कर्ज में डूबा उपक्रम मिला जिसे नुकसान हो रहा था। उन्होंने इस संदर्भ में इंडियन होटल कंपनी, यात्री वाहन बनाने वाली टाटा मोटर्स, टाटा स्टील के यूरोपीय परिचालन तथा समूह की बिजली इकाई तथा उसके दूरसंचार अनुषंगी का नाम लिया। इसे उन्होंने विरासत में मिले हाटस्पाट बताया।

साफ है कि मिस्त्री ने नैनो को लेकर रतन टाटा की अगुवाई में अगर कोई सकारात्मक फैसला किया जाता है तो उसे अब और ज्यादा मुश्किल कर दिया है। वैसे बिक्री के लिहाज से टाटा नैनो का प्रदर्शन दिन ब दिन लचर होता जा रहा है। पिछले वर्ष टाटा नैनो की नई लांचिंग की गई थी लेकिन इससे भी बिक्री पर कोई असर नही पड़ा। हालत यह है कि एक वर्ष पहले जहां इसकी 2300-2400 कारों की हर महीने बिक्री होती थी वह अब घट कर 500 रह गई है। रतन टाटा ने इसे आम जनता की कार कह कर लांच किया था। लेकिन शुरु से ही कभी भी यह ग्राहकों की पसंद नहीं बन पाई।

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