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Hindi News भारत राष्ट्रीय हनीप्रीत के 15 मोबाइल और 30 राज़दार, राम रहीम के कौन-कौन से राज खोले?

हनीप्रीत के 15 मोबाइल और 30 राज़दार, राम रहीम के कौन-कौन से राज खोले?

हनीप्रीत की गाड़ी डेरा के कंट्रोल रुम की तरह काम कर रहा था और उसके हाथ में मौजूद मोबाइल फोन डेरा का रिमोट कंट्रोल बन चुका था। हनीप्रीत राम रहीम के खास लोगों से लगातार बात करती रहती थी और फोन के जरिए ही कानून को गच्चा देने का प्लान दूसरों को समझाती थी

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नई दिल्ली: पुलिस को 38 दिनों तक छकानेवाली बाबा राम रहीम की लाडली हनीप्रीत अब पुलिस को पूछताछ में गुमराह करने की कोशिश कर रही है। हनीप्रीत से पुलिस के सवालों का सिलसिला जारी है और खुलासा हुआ है कि हनीप्रीत किसी शातिर अपराधी की तरह बार-बार अपना फोन बदल रही थी और लोगों को कॉल करने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल कर रही थी। हनीप्रीत अपने खास लोगों को फोन करती थी और नई रणनीति बना ली जाती थी। हनीप्रीत कानून के डर से भागी फिर रही थी लेकिन उसे फोन करने में जरा भी डर नहीं था।

हनीप्रीत को कहां जाना है ये किसी को आखिरी वक्त तक मालूम नहीं होता था लेकिन डेरा में क्या होना है और क्या हो रहा है इसकी पूरी जानकारी वो रखती थी। हनीप्रीत की गाड़ी किसी भी राज्य की सड़क पर हो लेकिन हनीप्रीत सिर्फ एक मिनट से भी कम समय में अपने खास लोगों से बात कर लेती थी। पुलिस से बचने के लिए हनीप्रीत किसी शातिर अपराधी की तरह ही बार-बार गाड़ी बदल लेती तो वहीं बार-बार उसका मोबाइल सेट और फोन नंबर भी बदल जाता था।

हनीप्रीत की गाड़ी डेरा के कंट्रोल रुम की तरह काम कर रहा था और उसके हाथ में मौजूद मोबाइल फोन डेरा का रिमोट कंट्रोल बन चुका था। हनीप्रीत राम रहीम के खास लोगों से लगातार बात करती रहती थी और फोन के जरिए ही कानून को गच्चा देने का प्लान दूसरों को समझाती थी। हनीप्रीत की गाड़ी लगातार उसका लोकेशन बदल रही होती थी तो वहीं हनीप्रीत हर कॉल के बाद मोबाइल और नंबर बदल लेती थी।

हनीप्रीत ने 38 दिन में 15 इंटरनेशनल मोबाइल नंबर्स का इस्तेमाल किया। इसके अलावा उसने सिरसा और राजस्थान की आईडी वाले कई नंबरों के जरिए भी 30 के करीब लोगों से बात की। पुलिस अब उनलोगों का पता लगा रही है। हनीप्रीत के तमाम नंबर पुलिसवालों ने सर्विलांस पर लगा रखा था लेकिन पुलिस को हनीप्रीत के फोन से कोई सुराग नहीं मिल रहा था। इसकी सबसे बड़ी वजह ये थी कि हनीप्रीत पुलिस को चकमा देने के लिए इंटरनेशनल मोबाइल नंबर्स का इस्तेमाल कर रही थी। इंटरनेशनल नंबर यानी विदेशी कंपनियों का फोन नंबर।

पुलिस के मुताबिक हनीप्रीत ने जिस तरह से मोबाइल नंबर बदले और व्हाट्स एप कॉलिंग और इंटरनेशन नंबर का इस्तेमाल किया उससे जाहिर है कि उसकी मददगारों में कोई शातिर आदमी या पुलिस का अफसर भी शामिल था। हनीप्रीत जिस तरह से कानून की आंखों में धूल झोंक रही थी वो एक अकेली महिला के लिए मुमकिन नहीं है।

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