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Hindi News भारत राष्ट्रीय 'पर्यावरण के बारे में सोचना कब अपराध बन गया', अपनी गिरफ्तारी पर बोलीं जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि

'पर्यावरण के बारे में सोचना कब अपराध बन गया', अपनी गिरफ्तारी पर बोलीं जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि

जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि शनिवार को सवाल किया कि पृथ्वी पर जीविका के बारे में सोचना कब अपराध बन गया? Toolkit Case में गिरफ्तारी पर दिशा रवि का आया ये बड़ा बयान

क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि

बेंगलुरु। जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि शनिवार को सवाल किया कि पृथ्वी पर जीविका के बारे में सोचना कब अपराध बन गया? दिशा रवि को किसानों के विरोध प्रदर्शन से संबंधित ‘टूलकिट’ सोशल मीडिया पर साझा करने में कथित तौर पर शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया गया था और बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था। 

ट्विटर पर जारी किया 4 पन्नों का अपना बयान

किसान आंदोलन से जुड़े टूलकिट केस में गिरफ्तार की गईं बेंगलुरु की रहने वाली 22 वर्षीय क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि ने 13 मार्च को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए अपने अनुभवों पर एक बयान जारी किया। दिशा ने कहा कि उनकी 'स्वायत्तता का उल्लंघन किया गया' और उन्हें 'TRP चाहने वाले न्यूज चैनलों ने दोषी करार दिया।' दिशा रवि ने ट्विटर पर जारी चार पृष्ठों के अपने बयान में कहा, ‘‘अपनी जेल कोठरी में बंद रहने के दौरान मैं सोच रही थी कि इस ग्रह पर जीविका के सबसे बुनियादी तत्वों के बारे में सोचना कब गुनाह हो गया, जो कि जितना उनका है उतना मेरा भी है।’’

‘न्यूज चैनलों ने तो दोषी करार दे दिया’

रवि ने कहा कि सोच रही हूं कि कुछ सौ की लालच का खामियाजा लाखों लोगों को क्यों चुकाना पड़ रहा है। रवि ने कहा कि ‘‘यदि हमने अंतहीन खपत और लालच को रोकने के लिए समय पर कार्रवाई नहीं की’’ तो मानव जाति अपनी समाप्ति के करीब पहुंच जाएगी। उन्होंने दावा किया कि गिरफ्तारी के दौरान उनकी स्वायत्तता का उल्लंघन किया गया था और उनकी तस्वीरों को सभी खबरों में प्रसारित किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे कार्यों को दोषी ठहराया गया था - कानून की अदालत में नहीं, बल्कि टीआरपी चाहने वालों द्वारा स्क्रीन पर।’’ 

रवि ने उनके समर्थन में बाहर निकले लोगों उनके मामले में ‘प्रो-बोनो’ पैरवी (यानी किसी पेशेवर द्वारा मुफ्त में या कम फीस पर अदालत में पैरवी करना) करने वालों के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिन उनके लिए पीड़ा वाले रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं भाग्यशाली थी कि मुझे उत्कृष्ट ‘प्रो बोनो’ कानूनी सहायता मिली, लेकिन उन सभी का जिन्हें यह नहीं मिलती? उन सभी का क्या जो अभी भी जेल में हैं? उन लोगों का क्या जो हाशिए पर हैं जो आपकी स्क्रीन के योग्य नहीं हैं?’’ 

उन्होंने कहा कि चाहे जितना भी समय लगे लेकिन सच्चाई सामने आती है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के एक कार्यकर्ता सोनी सोरी के हवाले से कहा, ‘‘हमें हर दिन धमकी दी जाती है, हमारी आवाज़ें कुचल दी जाती हैं; लेकिन हम लड़ते रहेंगे।’’ बेंगलुरु के रहने वाली रवि को 16 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया था। उन्हें नये कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को विस्तारित करने के उद्देश्य से एक दस्तावेज को कथित रूप से साझा करने और संपादित करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

(इनपुट- भाषा)

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