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Hindi News भारत राष्ट्रीय नक्सल प्रभावित राज्यों में परियोजनाओं का जायजा लेंगे शीर्ष अधिकारी

नक्सल प्रभावित राज्यों में परियोजनाओं का जायजा लेंगे शीर्ष अधिकारी

सात नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्य सचिव और महत्वूपर्ण केंद्रीय मंत्रालयों के सचिव शुक्रवार को यहां बैठक करेंगे और माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में शुरू की गई विभिन्न विकास परियोजनाओं का जायजा लेंगे।

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दिल्ली: सात नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्य सचिव और महत्वूपर्ण केंद्रीय मंत्रालयों के सचिव शुक्रवार को यहां बैठक करेंगे और माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में शुरू की गई विभिन्न विकास परियोजनाओं का जायजा लेंगे। केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना और महाराष्ट्र के मुख्य सचिवों के साथ महत्वपूर्ण विकास मुद्दों पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे।

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, वन एवं जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, रेलवे तथा सूचना और प्रसारण जैसे मंत्रालयों और दूरसंचार विभाग, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता, वित्तीय सेवाएं, डाक जैसे विभागों के सचिव भी उच्चस्तरीय बैठक में शामिल होंगे।

केंद्र सरकार ने बहुआयामी रणनीति अपनाई है जिसमें सुरक्षा संबंधी उपाय, विकास कदम और स्थानीय समुदायों के लिए अधिकार और उत्थान सुनिश्चित करना शामिल है। सड़क निर्माण, मोबाइल टॉवर लगाने और मजबूत थानों के निर्माण जैसी विशेष परियोजनाओं को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। दस राज्यों में 106 जिले माओवादी गतिविधियों से प्रभावित हैं। इनमें से सात राज्यों के 35 जिलों को माओवाद से सर्वाधिक प्रभावित माना जाता है। इस साल के पहले चार महीनों में सुरक्षाबलों ने माओवाद प्रभावित राज्यों में कम से कम 76 माओवादियों को मार गिराया और 665 को गिरफ्तार कर लिया।

सुरक्षाबलों ने हाल के समय में माओवाद से निपटने में बड़ी सफलता हासिल की है और इस साल विगत की तुलना में माओवादी हिंसा में 30 प्रतिशत की कमी आई है। इस साल जनवरी से अप्रैल के बीच 76 माओवादियों का सफाया कर दिया गया। वर्ष 2015 में इसी अवधि में 15 माओवादी मारे गए थे। वर्ष 2016 के पहले चार महीनों में 665 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया और 639 ने समर्पण कर दिया। पिछले साल इसी अवधि में 435 नक्सली गिराफ्तार किए गए थे और 134 ने समर्पण किया था।

वर्ष 2015 में माओवादी हिंसा की 1,088 घटनाओं में 226 लोग मारे गए थे। इन 226 लोगों में से 168 असैन्य नागरिक और 58 सुरक्षाकर्मी शामिल थे। विगत के वर्ष में 89 माओवादी मारे गए थे और 1,668 गिरफ्तार किए गए थे। 570 नक्सलियों ने अधिकारियों के समक्ष समर्पण कर दिया था। वर्ष 2013 की तुलना में 2015 में असैन्य नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों की मौत के आंकड़े में 42 प्रतिशत की कमी आई थी। संसद की स्थाई समिति की हालिया रिपोर्ट में कहा गया था कि सात राज्यों के बुरी तरह प्रभावित 35 जिलों में नक्सल गतिविधियां लगातार चिंता का विषय बनी हुई हैं।

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