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Hindi News भारत राष्ट्रीय उन्नाव मामला: अदालत कक्ष में रो पड़े सेंगर और परिवार के सदस्य

उन्नाव मामला: अदालत कक्ष में रो पड़े सेंगर और परिवार के सदस्य

सेंगर की बहन को फैसला सुनाने से पहले ही रोते हुए देखा गया क्योंकि उसने अपने एक रिश्तेदार को कहते हुए सुना था कि उसके भाई को दोषी करार दिए जाने की संभावना है। 

Kuldeep Singh Sengar- India TV Hindi Image Source : PTI (FILE) Kuldeep Singh Sengar

नई दिल्ली। उन्नाव बलात्कार मामले में तीस हजारी जिला अदालत में सोमवार को जैसे ही कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार दिया गया तो वह और उसके परिवार के सदस्य रो पड़े। विधायक की बहन अदालत कक्ष में घुसी और रोने लगी। वकीलों ने जैसे ही बताया कि न्यायाधीश 2017 के सनसनीखेज उन्नाव दुष्कर्म मामले में दोपहर तीन बजे फैसला सुनाएंगे तो अदालत कक्ष के बाहर स्थिति तनावपूर्ण हो गई।

जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने निष्कासित भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 2017 में एक लड़की से बलात्कार के मामले में दोषी करार दिया। घटना के समय लड़की नाबालिग थी। सेंगर और महिला सह-आरोपी शशि सिंह के परिवार के सदस्य और रिश्तेदार फैसले के लिए अदालत कक्ष के बाहर जुट गए थे। कुछ ने कहा कि आरोपी बरी हो जाएंगे क्योंकि बचाव पक्ष के पास ठोस सबूत हैं जबकि कुछ ने कहा कि अगर दोषी करार दिया गया तो वे उच्च अदालतों में इसे चुनौती देंगे।

दोपहर दो बजकर 15 मिनट पर जैसे ही सुनवाई शुरू हुई तो दोनों पक्षों के वकीलों और मीडियाकर्मियों के अलावा किसी को भी अदालत कक्ष में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। सेंगर और सिंह को कड़ी सुरक्षा के बीच दोपहर दो बजकर 45 मिनट पर अदालत कक्ष में लाया गया।

सेंगर की बहन को फैसला सुनाने से पहले ही रोते हुए देखा गया क्योंकि उसने अपने एक रिश्तेदार को कहते हुए सुना था कि उसके भाई को दोषी करार दिए जाने की संभावना है। उसका बहनोई तथा गांव के करीब 20 अन्य रिश्तेदार भी अदालत कक्ष के बाहर रो पड़े।

इस बीच, जैसे ही न्यायाधीश ने सिंह का फैसला पढ़ना शुरू किया था तो वह बेहोश हो गई। जब वह होश में आयी तो फफक फफककर रोने लगी। न्यायाधीश ने उसे बताया कि उसे बरी कर दिया गया है और पूछा कि क्या उसे डॉक्टर की जरूरत है। जब सेंगर को अदालत कक्ष से जेल तक ले जाया जा रहा था तो बाहर एकत्रित भीड़ उसके पीछे हो चली लेकिन हालात काबू में कर लिए गए।

सेंगर की दो बेटियां भी रोने लगी। उनकी एक रिश्तेदार ने उन्हें दिलासा देते हुए कहा कि उनके पिता ने कुछ गलत नहीं किया है और लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। रिश्तेदार ने उनसे कहा, ‘‘फैसला गलत तथा अन्यायपूर्ण है। लड़ाई खत्म नहीं हुई है। हम लड़ेंगे।’’ दोषियों के वकीलों ने कहा कि वे फैसले के खिलाफ उच्च अदालतों में अपील करेंगे।

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