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Hindi News भारत राष्ट्रीय सरकार कोर्ट के सामने कूड़ा नहीं फेंक सकती, हम 'कूड़ा संग्राहक' नहीं हैं: सुप्रीम कोर्ट

सरकार कोर्ट के सामने कूड़ा नहीं फेंक सकती, हम 'कूड़ा संग्राहक' नहीं हैं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार को पूरे देश भर में ठोस कचरा प्रबंधन के संबंध में बिना संपूर्ण जानकारी के भारी-भरकम हलफनामा दाखिल करने के लिए फटकार लगाई और इसे स्वीकार नहीं किया।

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार को पूरे देश भर में ठोस कचरा प्रबंधन के संबंध में बिना संपूर्ण जानकारी के भारी-भरकम हलफनामा दाखिल करने के लिए फटकार लगाई और इसे स्वीकार नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार कोर्ट के समक्ष 'कूड़ा नहीं फेंक' सकती। जस्टिस मदन बी. लाकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की खंडपीठ ने कहा, "आप क्या करना चाहते हैं? आप हमें प्रभावित करना चाहते हैं। हम पर असर नहीं पड़ा है। आप हम पर सब कुछ थोप देना चाहते हैं। हम इसे स्वीकार नहीं करने जा रहे हैं।"

अदालत ने कहा कि अदालत 'कूड़ा संग्रहक' नहीं है और बिना जानकारी के सैकड़ों पन्नों के शपथ पत्र को ग्रहण नहीं करेगी। अदालत ने कहा, "आपके पास जो भी कूड़ा होता है, वो हमारे समक्ष पेश कर देते हैं। हम कूड़ा संग्रहक नहीं हैं। इस बारे में पूरी तरह स्पष्ट रहें।" अदालत ने केंद्र सरकार को यह सख्त टिप्पणी स्वत: संज्ञान लेने वाले एक मामले में की जिसमें दक्षिण दिल्ली में रहने वाले एक सात वर्षीय बच्चे की डेंगू से मौत हो गई थी। पांच अस्पतालों ने कथित रूप से बच्चे का इलाज कराने से मना कर दिया था और बच्चे की मौत के बाद उसके माता-पिता ने भी आत्महत्या कर ली थी।

मामले की सुनवाई करते हुए, अदालत ने मंगलवार को केंद्र को तीन सप्ताह के अंदर चार्ट दाखिल करने के निर्देश दिए जिसमें इस बारे में बताना है कि राज्यों और केंद्रशासित राज्यों ने ठोस कचरा प्रबंधन नियम 2016 के प्रावधानों के अनुसार क्या राज्य स्तरीय सलाहकार बोर्ड का गठन किया है। सुनवाई के दौरान, केंद्र सरकार ने कहा कि उसे 22 राज्यों से राज्य स्तरीय सलाहकार बोर्ड के गठन की जानकारी मिल चुकी है।

इससे पहले 12 दिसंबर 2017 को अदालत ने केंद्र सरकार ठोस कचरा प्रबंधन नियम 2016 के प्रावधानों के अनुसार राज्य स्तरीय सलाहकार बोर्ड का गठन करने के संबंध में सभी राज्यों और केंद्रशासित राज्यों को पत्र लिखने के लिए कहा था और शीर्ष अदालत के समक्ष इसकी जानकारी दाखिल करने को कहा था।

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