A
Hindi News भारत राष्ट्रीय क्या है लॉन्ग कोविड? कोरोना से ठीक हुए लोगों को बड़ा खतरा

क्या है लॉन्ग कोविड? कोरोना से ठीक हुए लोगों को बड़ा खतरा

क्या है लॉन्ग कोविड? इसकी कोई मेडिकल परिभाषा नहीं है और ना ही इसके लक्षण सभी लोगों में एक जैसे होते हैं। ये कोरोना वायरस से ठीक हुए लोगों को होता है।

क्या है लॉन्ग कोविड? कोरोना से ठीक हुए लोगों के लिए है खतरा- India TV Hindi क्या है लॉन्ग कोविड? कोरोना से ठीक हुए लोगों के लिए है खतरा

नई दिल्ली: क्या है लॉन्ग कोविड? इसकी कोई मेडिकल परिभाषा नहीं है और ना ही इसके लक्षण सभी लोगों में एक जैसे होते हैं। ये कोरोना वायरस से ठीक हुए लोगों को होता है। दरअसल, कुछ लोगों में कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद भी कोरोना वायरस के कुछ लक्षण रह जाते हैं, उसे ही लॉन्ग कोविड कहते हैं। लॉन्ग कोविड से जूझ रहे लोगों में कई अलग-अलग लक्षण हो सकते हैं लेकिन इसका एक आम लक्षण थकान है।

क्या हैं लॉन्ग कोविड के लक्षण?

जो भी लोग कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद लॉन्ग कोविड से जूझ रहे हैं, उनमें थकान की शिकायत आम होगी। इसके अलावा सांस लेने में परेशानी, खांसी, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, देखने तथा सुनने की समस्याएं, सिर दर्द, गंध और स्वाद का न आना भी लॉन्ग कोविड के लक्षण हैं। वहीं, लॉन्ग कोविड से दिल, फेफड़ों और किडनी को भी नुकसान होने की संभावना रहती है। ऐसे लोगों को डिप्रेशन और एंग्जाइटी भी हो जाती है।

कितने लोगों को होता है लॉन्ग कोविड?

अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के एक जर्नल में रोम के सबसे बड़े अस्पताल से ठीक होकर घर लौटे 143 कोविड-19 मरीजों पर की गई एक स्टडी छपी है। स्टडी के अनुसार, उनमें से 87% लोगों को दो महीने बाद भी कम से कम एक लक्षण तो रहा है। कुल लोगों में से आधे लोगों को थकान की शिकायत महसूस हुई है। हालांकि, इस स्टडी के बारे में यह बात भी ध्यान में रखनी होगी कि यह स्टडी अस्पताल में भर्ती किए गए लोगों को पर ही केंद्रित है।

क्यो होता है लॉन्ग कोविड?

लॉन्ग कोविड क्यों हो रहा है? इसे लेकर कई धारणाएं हैं। लेकिन, अभी तक इसका कोई सटीक जवाब नहीं मिल पाया है। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि हो सकता है कि शरीर के ज्यादातर हिस्सों से वायरस बाहर निकल गया हो, लेकिन कुछ छोटी जगहों पर मौजूद रह गया हो। किग्स क़ॉलेज लंदन के प्रोफ़ेसर टिम स्पेक्टर के अनुसार, "लंबे समय तक दस्त हो तो हो सकता है कि आपको आंते में वायरस मिल जाए, सूंघने की शक्ति चली जाए, तो हो सकता है कि वायरस नसों में हैं।"

Latest India News