नई दिल्ली: वो बच्चा इंसान हो ही नही सकता जो मां की गोद में हंसा न हो। मां की गोद होती ही कुछ ऐसी है कि बच्चा हर दुक तकलीफ भूलकर किलकारियां मारने लगता है। मां और बच्चे के रिश्ते को लफ़्ज़ों में बयां करना नामुमकिन है। मां का कर्ज़ तो क्या कोई उतार पाएगा लेकिन हां हर साल एक दिन ज़रुर उसे ख़ासतौर से याद किया जाता और ये दिन कहलाता है मदर्स डे। चलिए देखते हैं कि आख़िर इसकी सरुआत कहां कैसे हुई थी।
ग्राफटन वेस्ट वर्जिनिया में एना जॉर्विस ने माताओं और उनके गौरवमयी मातृत्व के लिए तथा विशेष रूप से पारिवारिक और उनके परस्पर संबंधों को सम्मान देने के लिए मर्दस डे शुरु किया था जो अब यह दुनिया के हर कोने में मनाया जाता है।
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