नई दिल्ली: 15 अगस्त, का हमारे देश में राष्ट्रीय महत्व है। इसी दिन देश ब्रिटिश उपनिवेश से संप्रभु राष्ट्र बना था। इसीलिए हम इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं। यह दिन
15 अगस्त 1947 को माहात्मा गांधी कोलकाता में थे। वे हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच प्रेम बढ़ाने के लिए वहां पहुंचे। यही कारण था कि आजादी के दिन महात्मा गांधी अनशन पर थे।
पंडित जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल की तमाम विनती और निवेदन के बाद भी गांधी जी 15 अगस्त को दिल्ली नहीं पहुंचे थे और उन्होंने कोलकाता में अपना अनशन जारी रखा था।
स्वतंत्रता के समय भारत के अंतर्गत तीन तरह के क्षेत्र थे- पहला...`ब्रिटिश भारत के क्षेत्र`, ये लंदन के इंडिया ऑफिस तथा भारत के गवर्नर-जनरल के सीधे नियंत्रण में थे। दूसरा...`देसी राज्य` और तीसरा...फ्रांस और पुर्तगाल के औपनिवेशिक क्षेत्र (चंदन नगर, पाण्डिचेरी, गोवा आदि)।
भारत में कुल 662 रियासतें थीं, जिसमें से 565 रजवाड़े ब्रिटिश शासन के अंतर्गत थे। 565 रजवाड़ों में से से 552 रियासतों ने स्वेच्छा से भारतीय परिसंघ में शामिल होने की स्वीकृति दी थी। जूनागढ़, हैदराबाद, त्रावणकोर और कश्मीर को छोड़कर बाकी की रियासतों ने पाकिस्तान के साथ जाने की स्वीकृति दी थी।
भारतीय विद्वानों ने आजादी के बारे में अपना पक्ष रखा था कि चर्चिल और माउंटबेटन ने साजिश के तहत भारतीय राजनीतिज्ञों में पहले फूट डाली और फिर स्वतंत्रता की घोषणा की।