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Hindi News भारत राष्ट्रीय Aap ki Adalat: कभी नक्सली हुआ करते थे कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, छाती पर है गोली का निशान

Aap ki Adalat: कभी नक्सली हुआ करते थे कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, छाती पर है गोली का निशान

अधीर रंजन चौधरी ने 'आप की अदालत' में रजत शर्मा के तीखे सवालों का जवाब दिया। इस दौरान रजत शर्मा ने ये सवाल किया कि 'आप शुरुआती दिनों में नक्सली बन गए थे'? इसके बाद अधीर रंजन चौधरी ने चौंकाने वाला जवाब दिया।

Aap ki Adalat Congress leader Adhir Ranjan Chowdhary once a Naxalite has a bullet mark on his chest- India TV Hindi Image Source : INDIA TV आप की अदालत में अधीर रंजन चौधरी

Aap ki Adalat: इंडिया टीवी के मशहूर शो 'आप की आदलत' में कांग्रेस पार्टी के नेता व लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के तीखे सवालों का जवाब दिया। इस दौरान अधीर रंजन चौधरी ने अलग-अलग मुद्दों पर पूछे गए सवालों का बेबाकी से जवाब दिया। रजत शर्मा के सवाल, 'पहले आप नक्सलवादी हो गए थे, आप बगावती थे और शुरू से ही बागी थे? इसके जवाब में अधीर रंजन ने कहा कि सबसे पहले बंगाल में नक्सलवादी आंदोलन शुरू हुआ। उस समय मैं छात्र था। मुझे लगा कि इसी के जरिए देश के गरीबों को तकलीफों और कमजोरी से मुक्ति मिलेगी। उस समय मैं समझदार नहीं था। उस समय मुझमें जोश था और रोष भी था। इसलिए मैं नक्सली बन गया। 

क्यों नक्सली बन गए अधीर रंजन चौधरी

उन्होंने सवाल के जवाब में आगे कहा कि मैंने मर्डर नहीं किया लेकिन मैंने बंदूकें लूटी हैं। मैं जेल भी रहा हूं। 15 साल की उम्र में पहली बार जेल गया। जब जेल गया उस दिन मेरी बहन की शादी थी। मैंने केवल कक्षा 9वीं तक ही सरकारी स्कूल में पढ़ाई की है। उन्होंने कहा, 'मैं एक फौजी की तरह हूं। सच्चाई और न्याय के लिए संघर्ष करता हूं। छाती पर एक गोली भी खाई है। जरूरत पड़ने पर गोली चलाई भी है। मेरे ऊपर अब भी कई केस दर्ज हैं।' उन्होंने कहा कि बंगाल में मर्डर केस लगने की बौछार है। अगर मैंने कुछ गलत किया है तो मुझे सजा जरूर मिलनी चाहिए। मैं जेल को एक यूनिवर्सिटी की तरह समझता हूं।

अधीर रंजन के खिलाफ 26 मामले दर्ज

रजत शर्मा ने जब ये पूछा कि क्या आपने वाकई में किसी को मारा है? इसके जवाब में अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मुझपर 26 केस दर्ज हैं। कई मर्डर के केस दर्ज हैं। अगर मैंने किसी को मारा है तो मैं आपको क्यों बताऊं। मैंने अगर किसी को मारा होता तो यहां नहीं होता। राजनीति में ऐसा होता है जब सत्ता दल के खिलाफ विरोध किया जाता है। उन्होंने कहा, 'चुनाव आयोग के समक्ष दिए गए एफिडेविट में मेरे उपर 26 मुकदमें हैं जिसमें से 90 फीसदी मामले खत्म हो चुके हैं। अभी भी अगर मुझे जरूरत पड़ेगी तो मैं अब भी विरोध प्रदर्शन करूंगा। जब मुझे एहसास होगा कि कहीं न कहीं कुछ अन्याय हो रहा है। इसके लिए भले ही मार खाना पड़े, गोली खाना पड़े या जेल जाना पड़ें मैं इससे पीछे नहीं हटूंगा।' 

 

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