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Hindi News भारत राष्ट्रीय Aap Ki Adalat : 'अदालतें सत्ता में बैठे लोगों की रखैल बन गई हैं, अब जजों पर कैसे करें भरोसा?' - संजय राउत

Aap Ki Adalat : 'अदालतें सत्ता में बैठे लोगों की रखैल बन गई हैं, अब जजों पर कैसे करें भरोसा?' - संजय राउत

महाराष्ट्र में मचे राजनीतिक घमासान के बीच सबसे चर्चित चेहरों में से एक संजय राउत ने इंडिया टीवी के शो 'आप की अदालत' में रजत शर्मा के सवालों के खुलकर सामना किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज देश की अदालतें सत्ता में बैठे लोगों के इशारों पर चल रही हैं।

Sanjay Raut in Aap Ki Adalat- India TV Hindi Image Source : INDIA TV आप की अदालत में संजय राउत

Aap Ki Adalat : पिछले एक वर्ष से देशभर में महाराष्ट्र चर्चा का विषय बना हुआ है। इस चर्चा में सबसे ज्यादा नाम चल संजय राउत का। ठाकरे गुट से शब्दभेदी बाणों को चलने की जिम्मेदारी संजय राउत ने ले रखी थी। उनकी तरफ से हर रोज नए दावे और आरोप लगाए जा रहे थे। उनके कई बयानों ने जबरदस्त माहौल बनाया था। उन्होंने एकनाथ शिंदे समेत कई नेताओं पर गंभीर आरोप भी लगाए थे। शनिवार को प्रसारित हुए इंडिया टीवी के शो 'आप की अदालत' में भी उन्होंने कई आरोप लगाए। इस दौरान उन्होंने देश की न्यायिक व्यवस्था और कोर्ट पर कई तीखी टिप्पणी भी की। 

देश के बड़े-बड़े लोग कह रहे कि हमें न्याय नहीं मिल रहा - संजय राउत 

'आप की अदालत' में रजत शर्मा के सवाल, "क्या आपको यह विरोधाभास नहीं लगता कि एक तरफ आप अदालतों में अपना केस लड़ रहे हैं और दूसरी तरफ आप आरोप लगा रहे हैं कि न्यायपालिका सत्ता में बैठे लोगों की 'रखैल' बन गई है?" इसका जवाब देते हुए संजय राउत ने कहा, "हां, मैंने यह लिखा है और मैं इस पर विश्वास करता हूं। यह आरोप लगाने वाला मैं अकेला नहीं हूं। देश के कई बड़े लोग भी यह कह रहे हैं कि हमें न्याय नहीं मिल रहा है। मैंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ही एकमात्र जगह बची है जहां हमें न्याय मिलने की उम्मीद की किरण दिखती है।"

आज जज फैसला सुनाने के बाद राज्यों के राज्यपाल बन जाते हैं - संजय राउत 

संजय राउत ने कहा कि आज न्यायालयों के जज अपना फैसला सुनाने के बाद राज्यों के राज्यपाल बन जाते हैं। कोई जज राज्यसभा का माननीय सांसद बन जाता है तो कोई जज किसी कॉर्पोरेशन का अध्यक्ष बन जाता है। संजय राउत ने कहा कि न्यायमूर्ति अगर खुद को निष्पक्ष मनाते हैं तो उन्हें किसी भी राजनीतिक पद पर नहीं जाना चाहिए और न ही उन्हें इस तरह के पदों को स्वीकार करना चाहिए। राउत ने कहा कि अगर आप रिटायरमेंट के बाद इस तरह के पदों पर जाकर बैठते हैं तो देश की जनता आप पर कैसे भरोसा कर सकेगी?  

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