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Hindi News भारत राष्ट्रीय Guinness World Record: वायुसेना पत्नी कल्याण संघ ने टोपी बनाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया, अब जानिए इन टोपियों का क्या होगा

Guinness World Record: वायुसेना पत्नी कल्याण संघ ने टोपी बनाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया, अब जानिए इन टोपियों का क्या होगा

Guinness World Record Cap: अपनी तरह की पहली श्रेणी है।’’ नाथ ने कहा कि इन टोपियों को बुनने के लिए ‘‘करीब चार टन कच्चा ऊन’’ इस्तेमाल किया गया है। वर्धमान ऊन से बनी रंगीन टोपियां सभागार परिसर के हरे-भरे लॉन में प्रदर्शित की गईं।

Guinness World Record Cap- India TV Hindi Image Source : IAF TWITTER Guinness World Record Cap

Highlights

  • 15 जुलाई को शुरू हुआ और 15 अक्टूबर को समाप्त हुआ
  • टोपियों को जरूरतमंदों के बीच वितरित करने की योजना भी बनाई है
  • 52वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया गया था

Guinness World Record Cap: वायुसेना पत्नी कल्याण संघ (एएफडब्ल्यूडब्ल्यूए) ने शनिवार को यहां 41,541 बुनी हुई ऊनी टोपी प्रदर्शित करके गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। ये टोपियां ठंड के मौसम से पहले जरूरतमंदों के बीच वितरित की जाएंगी। संघ का 'निटथॉन' अभियान 15 जुलाई को शुरू हुआ था और तीन महीने से अधिक की अवधि में देश भर से लगभग 3,000 महिला सदस्यों ने 40,000 से अधिक ऊनी टोपियां बुनीं।

टोपियों को बनाने में लगे चार टन ऊन 
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के एक निर्णायक ऋषि नाथ ने यहां आईएएफ ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पीटीआई-भाषा से कहा कि ‘‘रिकॉर्ड अद्भुत है और यह बुनी हुई सबसे अधिक ऊनी टोपी प्रदर्शित करने से संबंधित था। यह अपनी तरह की पहली श्रेणी है।’’ नाथ ने कहा कि इन टोपियों को बुनने के लिए ‘‘करीब चार टन कच्चा ऊन’’ इस्तेमाल किया गया है। वर्धमान ऊन से बनी रंगीन टोपियां सभागार परिसर के हरे-भरे लॉन में प्रदर्शित की गईं। इन टोपियों को इस प्रकार रखा गया था कि ये '41,541' के स्वरूप में दिखें। 

जरुरतमंद के बीच वितरित की जाएगी 
एएफडब्ल्यूडब्ल्यूए की अध्यक्ष ने नीता चौधरी ने कहा, ‘‘ये टोपियां एएफडब्ल्यूडब्ल्यूए के लगभग 3,000 सदस्यों द्वारा हमारे विशेष अभियान 'निटथॉन' के हिस्से के रूप में बुनी गई थीं। यह अभियान 15 जुलाई को शुरू हुआ और 15 अक्टूबर को समाप्त हुआ। टोपियां सर्दियों से पहले बेहद जरूरतमंद लोगों को वितरित की जाएंगी।’’ नाथ ने एएफडब्ल्यूडब्ल्यूए की अध्यक्ष चौधरी को एक आधिकारिक प्रशस्ति पत्र भी सौंपा, जिन्होंने उत्पादक गतिविधियों के माध्यम से वायु योद्धाओं की पत्नियों को सशक्त बनाने के लिए इस अभियान की कल्पना की थी।

केन्द्रीय मंत्री ने महिलाओं की सराहना
यह कार्यक्रम एएफडब्ल्यूडब्ल्यूए की 52वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘देशभर से हमारे सदस्यों द्वारा कुल 41,541 टोपियां बुनी गई हैं। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और यह उपलब्धि उन्हें 'आत्मनिर्भर' बनाने की दिशा में एक कदम आगे है।’’कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी थीं। अपने संबोधन में, उन्होंने सूक्ष्म भागीदारी के माध्यम से अर्जित उपलब्धि के लिए महिलाओं की सराहना की।

एक टोपी जरूर बुनूंगी
उन्होंने कहा कि एसोसिएशन ने उत्पादन से परे सोचा है और इन 40,000 से अधिक टोपियों को जरूरतमंदों के बीच वितरित करने की योजना भी बनाई है। ईरानी ने कहा, ‘‘मैं बड़ी संख्या में टोपियां नहीं बना सकती लेकिन भारतीय वायुसेना की भावना को ध्यान में रखते हुए एक टोपी जरूर बुनूंगी और आपको (एएफडब्ल्यूडब्लयूए को) प्रदान करूंगी।’’ अपने संबोधन में उन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा भुज में क्षतिग्रस्त कर दी गयी आईएएफ की एक हवाई पट्टी की मरम्मत में ग्रामीणों के एक समूह के योगदान का भी उल्लेख किया, जिनमें ज्यादातर महिलाएं शामिल थीं।

महिलाओं ने देश के लिए अपना श्रमदान किया
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आईएएफ ने हवाई पट्टी की मरम्मत के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की मदद लेने का फैसला किया, लेकिन, माधापुर के ग्रामीणों ने 72 घंटे से भी कम समय में हवाई पट्टी की मरम्मत में मदद की। उन्होंने कहा कि बाद में, उनसे (ग्रामीणों से) पूछा गया था कि वे क्या उपहार चाहते हैं, इसके जवाब में ग्रामीणों ने कहा था कि उन्होंने देश के लिए अपना श्रमदान किया था। ईरानी ने कहा, ‘‘इसलिए, महिलाएं एक हवाई पट्टी की मरम्मत कर सकती हैं और गर्म टोपी भी बुन सकती हैं।’’ इस अवसर पर ईरानी ने शीर्ष उपलब्धि हासिल करने वालों को भी सम्मानित किया, जिन्होंने 'निटथॉन' के रूप में बहुत बड़ी संख्या में ऊनी टोपियां बुनीं। इससे पहले दिन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सभागार परिसर पहुंचे और इस उपलब्धि के लिए एएफडब्ल्यूडब्ल्यूए और इसके सदस्यों को बधाई दी।

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