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Hindi News भारत राष्ट्रीय Ashish Mishra: लखीमपुर कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत पर आज होगी 'सुप्रीम' सुनवाई, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कर दिया था इंकार

Ashish Mishra: लखीमपुर कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत पर आज होगी 'सुप्रीम' सुनवाई, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कर दिया था इंकार

Ashish Mishra: इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने लखीमपुर खीरी में हुए तिकोनिया कांड मामले के मुख्य अभियुक्त व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा 'टेनी' के बेटे आशीष मिश्रा 'मोनू' की जमानत याचिका को नामंजूर कर दिया था

Ashish Mishra- India TV Hindi Image Source : FILE Ashish Mishra

Highlights

  • केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा 'टेनी' के बेटे हैं आशीष मिश्रा
  • सुप्रीम कोर्ट पहले भी ख़ारिज कर चुका है आशीष की जमानत
  • 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में गई थी 8 लोगों की जान

Ashish Mishra: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी और जेल में बंद केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। वहीं इससे पहले एक बार सुप्रीम कोर्ट मिश्रा की जमानत रद्द कर चुका है। इस बार इलाहाबाद हाईकोर्ट के जमानत की याचिका ख़ारिज करने के बाद आरोपी आशीष मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत की याचिका दाखिल की है।

वहीं इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने लखीमपुर खीरी में हुए तिकोनिया कांड मामले के मुख्य अभियुक्त व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा 'टेनी' के बेटे आशीष मिश्रा 'मोनू' की जमानत याचिका को नामंजूर कर दिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में पूरे प्रकरण को लेकर मीडिया की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि मीडिया आजकल अधकचरी सूचना के आधार पर कंगारू कोर्ट चला रहा है।

Image Source : PTIAshish Mishra

सुप्रीम कोर्ट पहले भी ख़ारिज कर चुका है आशीष की जमानत

वहीं इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट आशीष की जमानत कह्रिज कर चुका है। जस्टिस कृष्णा पहल की पीठ ने आशीष की जमानत याचिका नामंजूर करते हुए कहा था कि अभियुक्त राजनीतिक रूप से इतना प्रभावशाली है कि वह जमानत पर रिहा होने की स्थिति में गवाहों को प्रभावित करके मुकदमे पर असर डाल सकता है। तिकोनिया कांड मामले में हाईकोर्ट ने 10 फरवरी को आशीष को जमानत दे दी थी लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत आदेश को निरस्त करते हुए हाईकोर्ट को निर्देश दिए थे कि वह पीड़ित पक्ष को पर्याप्त मौका देकर जमानत याचिका पर फैसला सुनाए। जिसके बाद जस्टिस पहल ने लंबी सुनवाई की और 15 जुलाई को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मामले में आशीष की संलिप्तता, गवाहों को प्रभावित किए जाने की आशंका, अपराध की गंभीरता और कानूनी व्यवस्थाओं पर गौर करते हुए उसे जमानत नहीं दी जा सकती।  

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