A
Hindi News भारत राष्ट्रीय फोन के नशे में चूर बेंगलुरु! सर्वे में खुलासा- 91 प्रतिशत लोगों को लगी ये बुरी लत

फोन के नशे में चूर बेंगलुरु! सर्वे में खुलासा- 91 प्रतिशत लोगों को लगी ये बुरी लत

हाल ही में हुए एक सर्वे में सामने आया है कि अधिकतर बेंगलुरुवासी अपने मोबाइल फोन से चिपके रहते हैं। इस सर्वेक्षण में 91% लोगों ने ये माना कि सोने से पहले बिस्तर में वह फोन का इस्तेमाल करते हैं।

बेंगलुरू के लोगों पर सर्वे में नींद पर बड़ा खुलासा- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE बेंगलुरू के लोगों पर सर्वे में नींद पर बड़ा खुलासा

आज के समय में इंसान की मूलभूत जरूरत वाले मुहावरे - 'रोटी, कपड़ा और मकान' की जगह- 'फोन, चार्जर और इंटरनेट' वाले मुहावरे ने ले ली है। हाल ही में हुए एक सर्वे में सामने आया है कि अधिकतर बेंगलुरुवासी अपने मोबाइल फोन से चिपके रहते हैं। इस सर्वेक्षण में 91% लोगों ने ये माना कि सोने से पहले बिस्तर में वह फोन का इस्तेमाल करते हैं। जबकि 38% लोग लेटते समय सोशल मीडिया ब्राउज़ करते हैं, वहीं 29% लोगों को काम से निकाले जाने की चिंता रहती और वे इस कारण रातों में सो तक नहीं पाते।

'ग्रेट इंडियन स्लीप स्कोरकार्ड' में नींद पर हुआ सर्वे 
ये आंकड़े गद्दा निर्माता वेकफिट (Wakefit) द्वारा फरवरी 2022 से मार्च 2023 तक बेंगलुरु और देश के बाकी हिस्सों में किए गए 'ग्रेट इंडियन स्लीप स्कोरकार्ड' नाम से नींद पर किए गए एक सर्वेक्षण में सामने आए हैं। इस सर्वे में 10,000 से अधिक लोग शामिल थे। ये व्यापक सर्वेक्षण के छठे संस्करण में, बेंगलुरु में अलग-अलग उम्र के लोगों और अलग-अलग जनसांख्यिकी के 4,000 लोगों के बीच किया गया, जिसमें भारत की सिलिकॉन वैली कहे जाने वाले बेंगलुरू में लोगों के सोने के पैटर्न को दिखाया गया।

60% लोगों को काम पर आती है नींद 
13 महीने तक चले इस सर्वेक्षण से सामने आया कि 61% लोग रात 11 बजे के बाद बिस्तर पर जाते हैं, जबकि सोने का आइडियल समय रात 10 बजे माना जाता है। सर्वे में पता चला कि देर से सोने के बावजूद, बेंगलुरु के 29% लोग सुबह 7 से 8 बजे के बीच उठ जाते हैं और 60% ने माना की उन्हें काम पर नींद आती है। लगभग 34% ने सुबह तरोताजा महसूस न करने की भी शिकायत की।

26% लोगों ने किया इनसोमेनिया का दावा
इस सर्वे में एक और दिलचस्प बात ये सामने आई कि 32% लोग बिस्तर के अलावा दूसरी जगहों पर सोते हैं। वहीं, 40% उत्तरदाताओं ने कहा कि बेडरूम के वातावरण ने उनकी नींद की गुणवत्ता को प्रभावित किया है, जबकि 20% का मानना है कि एक बेहतर गद्दे से उनकी नींद में सुधार हो सकता है। बेंगलुरु में कई लोगों को नींद ना आने के कारण, 26% को लगता है कि वे अनिद्रा (इनसोमेनिया) से पीड़ित हैं। हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि एक वयस्क को दिन में 6-7 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है। डिवाइस और गैजेट से दूर रहना भी नींद की गुणवत्ता को बढ़ाने में मददगार हो सकता है।

ये भी पढ़ें-

सावरकर मुद्दे अकेले पड़े राहुल गांधी, शरद पवार ने दिखाया आईना, अडानी मामले पर भी दी नसीहत

संजय राउत बोले- दंगे में 100% शामिल है सरकार, हत्या की धमकी पर भी कही ये बात
 

 

Latest India News