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Bulli Bai App: मुंबई पुलिस ने की तीसरी गिरफ्तारी, विवाद के पीछे मास्टरमाइंड है 18 साल की श्वेता

'बुली बाई' ऐप विवाद की जांच कर रही मुंबई पुलिस ने मामले के तीसरे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने कहा कि उन्होंने एक 21 वर्षीय मयंक रावत को गिरफ्तार किया है और इसके जरिये नेपाल से संबंधों का भी पता लगाया है। इससे पहले पुलिस ने इंजीनियरिंग के एक छात्र विशाल कुमार झा और एक श्वेता सिंह को गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक, विवाद के पीछे श्वेता मास्टरमाइंड थी।

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Highlights

  • मुंबई पुलिस ने की तीसरी गिरफ्तारी, नेपाल लिंक का पता चला
  • विवाद के पीछे श्वेता सिंह थी मास्टरमाइंड, नेपाल से संचालित एक हैंडल के संपर्क में थी

नई दिल्ली: मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच ने बुली बाई एप केस में 3 आरोपी पकड़े हैं जिसमें 2 ट्रांजिट रिमांड पर है जिन्हें उत्तराखंड से मुंबई क्राइम ब्रांच लेकर आ रही है और इसके जरिये नेपाल से संबंधों का भी पता लगाया है। वहीं, एक आरोपी विशाल सिंह मुंबई साइबर सेल के बीकेसी ऑफिस में है जिससे आज लगातार पूछताछ की गई। विशाल झा की पूछताछ के बाद उत्तराखंड के रुद्रपुर से 18 वर्षीय श्वेता सिंह, 21 वर्षीय मयंक प्रदीप सिंह रावत नाम के 2 अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है। पुलिस के मुताबिक, विवाद के पीछे श्वेता मास्टरमाइंड थी।

वह एक हैंडल के संपर्क में थी, जिसे नेपाल से संचालित किया जा रहा है। उसके निर्देश पर उन्होंने जाटखालसा 07 नाम से एक ट्विटर हैंडल बनाया और एक खास धर्म की महिलाओं की तस्वीरें अपलोड करने लगीं। उनकी सहेली जियाउ जिससे वह सोशल मीडिया पर मिली थी, उसे यह सब करने के लिए कह रही थी। वह नेपाल में स्थित है।

अब सवाल ये है कि श्वेता कौन है?

श्वेता उत्तराखंड की 10वीं पास है। उसने हाल के वर्षों में अपने माता-पिता को खो दिया है। उसके पिता की कोविड से मौत हो गई जबकि उसकी मां की 2011 में कैंसर से मौत हो गई थी। वह इंजीनियरिंग की तैयारी कर रही थी। उसकी दो बहनें हैं और परिवार प्रति माह लगभग 13,000 रुपये कमा रहा है। उन्हें कोविड अनाथ बच्चों के लिए उत्तराखंड सरकार की एक योजना वात्सल्य योजना से 3,000 रुपये मिलते हैं। उसके पिता एक निर्माण इकाई के साथ काम करते थे, जिससे परिवार को प्रति माह 10,000 रुपये मिलते थे।

अब तक कि पूछताछ के बाद जो मुद्दे साइबर सेल ने कोर्ट के सामने रखे है उसमें-

1. गिरफ्तार और फरार आरोपियों ने मिलकर बड़ी साजिश रची और खुद को "के एस एफ खालसा सिख फोर्स" का सदस्य बताते हुए कनाडा में अपना हेडक्वार्टर बताया

2. इन आरोपियों ने कई फर्जी ट्विटर हैंडल बनाये जिनमे @bullibai_ @sage0×11 @jatkhalsa7 @wannabesigmaf @jatkhalsa @sikh_khalasa11 @hmmaachaniceoki @khalasasupermacist

ऐसे कई फर्जी ट्विटर हैंडल बनाकर इनके जरिए मुस्लिम महिलाओं के फोटोज डाउनलोड करके उन्हें Github platform के जरिए बुली बाई एप पर अपलोड किया और इन महिलाओं की नीलामी करवाई।

3. आरोपी विशाल कुमार ने Tavasya Vats नाम का यूट्यूब चैनल भी बनाया था जिसपर वो वीडियो अपलोड करता था।

4. @khalasasupermecist इस ट्विटर हैंडल के जरिए विशाल कुमार झा खुद का लोकेशन कनाडा बताकर काम कर रहा था।

विशाल झा से पूछताछ के बाद उत्तराखंड के रुद्रपुर से 18 वर्षीय श्वेता सिंह, 21 वर्षीय मयंक प्रदीप सिंह रावत नाम के 2 अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है। आरोपियों ने जानबूझकर सिख समुदाय के नाम पर ट्विटर हैंडल बनाकर मुस्लिम महिलाओं के साथ अश्लीलता की ताकि 2 समुदाय में घृणा पैदा हो सके। ऐसा इन लोगो ने क्यों और किसके कहने पर किया इसकी जांच साइबर क्राइम कर रही है। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 153(अ),(ब),295(अ),509,500,354(ड्),आईटी एक्ट 67 के तहत कार्यवाही की जा रही है। एफआईआर नंबर 01/2022 है

आरोपी विशाल कुमार झा बेंगलोर के दयानंद सागर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग कॉलेज में सिविल इंजीनियरिंग के दूसरे साल का छात्र है। इस आरोपी के पास से एक मोबाइल, एक लेपटॉप, 2 सिमकार्ड बरामद किए गए हैं जिसकी फोरेंसिक जांच की जा रही है। मुंबई पुलिस ने श्वेता सिंह और विशाल कुमार झा का बयान दर्ज किया है। झा 10 जनवरी तक पुलिस रिमांड पर हैं जबकि श्वेता की रिमांड 5 जनवरी को खत्म होगी। मुंबई पुलिस ने श्वेता और विशाल का सामना कराया। दोनों एक दूसरे को सोशल मीडिया साइट्स के जरिए जानते थे। अब मयंक रावल का भी सामना श्वेता और विशाल से होगा। एक सूत्र ने बताया कि मामले में और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।

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