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Hindi News भारत राष्ट्रीय चारधाम की यात्रा और नदीं में इतने कपड़े...भागीरथी-यमुना से निकाली गईं 7 क्विंटल साड़ियां

चारधाम की यात्रा और नदीं में इतने कपड़े...भागीरथी-यमुना से निकाली गईं 7 क्विंटल साड़ियां

इस बार चार धाम पर आने वाले तीर्थयात्रियों ने पवित्र धाम में जिस तरह से गंदगी फैलाई है, वह निराशजनक है। धाम पहुंचे तीर्थयात्रियों ने नदियों में भारी मात्रा में कपड़े छोड़ गए।

प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIVE IMAGE प्रतीकात्मक फोटो

उत्तराखंड चार धाम यात्रा जारी है। चार धाम पर जाने वाले लोगों का तांता लगा हुआ है। इस बीच, एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। दरअसल, इस बार चार धाम पर आने वाले तीर्थयात्रियों ने पवित्र धाम में जिस तरह से गंदगी फैलाई है, वह निराशजनक है। धाम पहुंचे तीर्थयात्रियों ने नदियों में भारी मात्रा में कपड़े छोड़कर गए। इसके मद्देनजर स्वच्छता टीम ने विशेष अभियान चलाया गया, जिसमें भागीरथी नदी और यमुना नदी से 7 क्विंटल साड़ियां निकाली गई हैं।  

नदियों की स्वच्छता पर मंडराया संकट

यमुनोत्री और गंगोत्री तीर्थस्थल के रख-रखाव कार्य में लगने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के लिए यह स्थिति निराशजनक है। चार धाम की यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्री गंगोत्री से निकलने वाली भागीरथी और यमुनोत्री से निकलने वाली यमुना नदी पर स्नान के बाद अपने कपड़े वहीं त्याग दे रहे हैं। ऐसे में इन दोनों नदियों की स्वच्छा को लेकर संकट की स्थिति पैदा होती दिख रही है। 

भागीरथी से निकले इतने क्विंटल कपड़े 

धाम की सफाई व्यवस्था में लगे अधिकारियों का कहना है कि समस्या गंभीर है। गंगोत्री धाम के सचिव सुरेश सेमवाल का कहना है कि यह एक विकट समस्या है। उन्होंने कहा कि हमने भागीरथी नदी से 4 क्विंटल कपड़े एकत्र किए हैं। हर दिन कार्यकर्ता नदी में जाते हैं और वहां फेंके गए कपड़े इकट्ठा करते हैं। फिर हम उन्हें नगर पंचायत को सौंप देते हैं, जो उनके निपटाने का इंतजाम करती है। यमुनोत्री मंदिर समिति के एक पदाधिकारी ने कहा कि इस मंदिर में भी स्थिति अलग नहीं है।

फेंके गए कपड़ों में ज्यादातर साड़ियां हैं

यमुनोत्री धाम में भी स्नान के बाद कपड़ों को फेंकने का सिलसिला जारी है। जिम्मेदारी अधिकारी का कहना है कि कि मई और जून सामान्यत: यात्रा का चरम मौसम होता है। अब तक हमने यहां से 3 क्विंटल कपड़े इक्ट्ठे किए हैं। हमने तीर्थयात्रियों खासकर महिलाओं से अपील की है कि वे ऐसा न करें, क्योंकि फेंके गए कपड़ों में ज्यादातर साड़ियां हैं। इससे हमारे सफाई कर्मचारियों पर भारी दबाव पड़ता है। 

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