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Hindi News भारत राष्ट्रीय "पा" फिल्म के नायक जैसा दिखने वाला शैलेंद्र का हुआ निधन, 2021 में बना था एक दिन का कलेक्टर

"पा" फिल्म के नायक जैसा दिखने वाला शैलेंद्र का हुआ निधन, 2021 में बना था एक दिन का कलेक्टर

शैलेंद्र का बचपन में ही शरीर बुजुर्गों जैसा हो गया था। वह आगे भी पढ़ाई करना चाह रहा था, लेकिन वो लाइलाज बीमारी के कारण जिंदगी की जंग हौसले बुलंद रखने के बाद भी हार गया।

प्रोजेरिया बीमारी से ग्रसित शैलेंद्र ध्रुव का हुआ निधन- India TV Hindi प्रोजेरिया बीमारी से ग्रसित शैलेंद्र ध्रुव का हुआ निधन

छत्तीसगढ़ में फिल्म "पा" के किरदार जैसी कहानी के नायक और एक दिन के कलेक्टर (डीएम) का निधन हो गया। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के 18 वर्षीय शैलेंद्र ध्रुव का सोमवार रात निधन हो गया। वो लाइलाज प्रोजेरिया बीमारी से ग्रसित था। शैलेंद्र का बचपन में ही शरीर बुजुर्गों जैसा हो गया था। वह आगे भी पढ़ाई करना चाह रहा था, लेकिन वो लाइलाज बीमारी के कारण जिंदगी की जंग हौसले बुलंद होने के बाद भी हार गया।

शैलेंद्र का सांस लेने में तकलीफ के बाद हुआ निधन

शैलेंद्र ध्रुव दो साल पहले एक दिन का कलेक्टर बना था। शैलेंद्र की इच्छा पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अक्टूबर 2021 में उसे एक दिन का कलेक्टर बनाया था। उस वक्त 16 साल का शैलेंद्र 11वीं कक्षा का छात्र था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आमंत्रित कर शैलेंद्र के साथ भोजन भी किया था। शैलेंद्र का सांस लेने में तकलीफ के बाद निधन हुआ। इस साल प्रथम श्रेणी में 12वीं की परीक्षा पास की थी। कॉलेज जाने के लिए प्रशासन से वाहन की मांग कर रहा था, क्योंकि वो पढ़ना चाह रहा था।

भगवान उसका ख्याल रखें, घरवालों को हिम्मत मिले- CM

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शैलेंद्र के निधन पर दुख जताया। उन्होंने ट्वीट किया, "सुबह दुखद सूचना मिली। शैलेंद्र ध्रुव अब हमारे बीच नहीं रहे। गरियाबंद के छुरा के ग्राम मेडकी डबरी के रहने वाले शैलेंद्र प्रोजेरिया बीमारी से ग्रसित थे। हमने उसकी एक दिन का कलेक्टर बनने की इच्छा तो पूरी कर दी थी, लेकिन ईश्वर की कुछ और इच्छा थी। भगवान उसका ख्याल रखें, घरवालों को हिम्मत मिले। ओम शांति:''

जानकारी के मुताबिक, एक दिन के कलेक्टर रहे शैलेंद्र ध्रुव की तबीयत सोमवार रात 9 बजे के करीब बिगड़ी। उसे सीने में तेज दर्द उठा। उसके परिजन उसे रसेला के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में ले गए, जहां शैलेंद्र की हालत बिगड़ती चली गई। उसने सोमवार रात 10:30 बजे आखिरी सांस ली। शैलेंद्र बचपन से कलेक्टर बनने का सपना देखता था।

                                                             - रिपोर्ट/आलोक शुक्ला

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