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Hindi News भारत राष्ट्रीय प्रधानमंत्री ने लोकसभा में सिर्फ ‘हंसी-ठिठोली’ की, उनके अहंकार को चुनावी हार का इंतजार: कांग्रेस

प्रधानमंत्री ने लोकसभा में सिर्फ ‘हंसी-ठिठोली’ की, उनके अहंकार को चुनावी हार का इंतजार: कांग्रेस

सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ‘‘आज सदन में खूब “प्रोपगैंडा”- भारत सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था है। हक़ीकत- भारत में मुट्ठी भर अमीरों की ग़ुलाम सरकार है, अमीरी और ग़रीबी में विभाजित अर्थव्यवस्था है,142 अमीरों की सम्पति 23,14,000 करोड़ रुपये से बढ़ 53,16,000 करोड़ रुपये हो गई और 84 प्रतिशत घरों की आय टूट गई।’’ 

Randeep Singh Surjewala, All India Congress Committee (AICC) general secretary - India TV Hindi Image Source : PTI FILE PHOTO Randeep Singh Surjewala, All India Congress Committee (AICC) general secretary 

Highlights

  • रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री के ‘इको-सिस्टम’ वाले प्रहार पर पलटवार किया
  • कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए लॉकडाउन में परेशान में होने वाले मजदूरों तथा कोरोना वायरस से प्रभावित परिवारों से माफी मांगने की बजाय ‘हंसी-ठिठोली’ की। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री ने एक ‘राजा’ की तरह ‘दुष्प्रचार’ किया है, लेकिन हकीकत उनके दावों से अलग है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘लॉकडाउन लगा मज़दूरों व उनके परिवारों को बेहाली के भंवर में धकेलने वाले, ‘माफ़ी मांगने’ की बजाय मदद के लिए जुटे 'हाथ' पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। सरकार के निकम्मेपन के कारण लाखों लोगों ने अपनों को खो दिया, मग़र आज बेशर्मी से संसद में उनकी पीड़ा पर हंसी-ठिठोली की गई। याद रखा जाएगा।’’

रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री के ‘इको-सिस्टम’ वाले प्रहार पर पलटवार करते हुए कहा, ‘‘आज सदन से साफ़ संदेश आया है-"हम एक भी चुनाव हार जाएं तो ही पूरा 'इको सिस्टम' काम करता "मतलब साफ़ है भयंकर बेरोजगारी, बेतहाशा महंगाई, घटती आमदनी और बेतहाशा ग़रीबी से राहत चाहिए तो इन्हें चुनाव में हराना होगा - तो ही इको सिस्टम काम करेगा।’’ सुरजेवाला ने कहा, ‘‘ संसद में बात होनी थी: खत्म हुए 12 करोड़ रोज़गारों की, 23 करोड़ मजबूर ग़रीबों की, 700 किसानों की शहादत की, किसान की आय 27 रुपये प्रतिदिन रह जाने की, 84 प्रतिशत घरों की घटी आमदनी की, 30 साल में सबसे ज्यादा महंगाई की, 40-60 लाख कोरोना से मरने वालों की, मग़र अहंकार को तो अभी भी चुनाव हारने का इंतज़ार है।’’

कांग्रेस महासचिव ने दावा किया, ‘‘राजा ने 20 जून, 2020 को कहा, “न कोई देश में घुसा, न कोई आया”। आज फिर संसद ने खुद की मज़बूती की दुहाई दी। हक़ीक़त- चीन से लद्दाख़ में क़ब्ज़े को लेकर 14 बार वार्ता। चीन ने वाई जंक्शन तक डेपसांग प्लेन में क़ब्ज़ा किया। चीन ने गोगरा-हॉट स्प्रिंग में क़ब्ज़ा किया।’’ उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘राजा ने 13 दिसंबर, 2016 को “मेक इन इंडिया” का नारा देकर विनिर्माण को साल 2022 तक जीडीपी का 25 प्रतिशत करने का वादा किया। आज फिर दोहराया। हक़ीक़त - विनिर्माण साल 2015-16 में जीडीपी का 17 प्रतिशत से घट कर साल 2020-21 में 14 प्रतिशत हुआ। हां, चीन से एक साल में आयात 46 प्रतिशत बढ़ 66 अरब डॉलर से 97 अरब डॉलर हुआ।’’

सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ‘‘आज सदन में खूब “प्रोपगैंडा”- भारत सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था है। हक़ीकत- भारत में मुट्ठी भर अमीरों की ग़ुलाम सरकार है, अमीरी और ग़रीबी में विभाजित अर्थव्यवस्था है,142 अमीरों की सम्पति 23,14,000 करोड़ रुपये से बढ़ 53,16,000 करोड़ रुपये हो गई और 84 प्रतिशत घरों की आय टूट गई।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने आलोचना को जीवंत लोकतंत्र का ‘आभूषण’ और ‘अंध विरोध’ को लोकतंत्र का अनादर बताते हुए सोमवार को कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों पर निशाना साधा और कहा कि ‘‘बहुत से लोगों का कांटा 2014 में अटका हुआ है और उससे वे बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, जिसका उन्हें नतीजा भुगतना पड़ रहा है।’’

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का लोकसभा में जवाब देते हुए PM ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी को दशकों से अनेक राज्यों की जनता नकार चुकी है, लेकिन उसका अहंकार नहीं जाता और वह अब भी ‘अंध विरोध’ में लगी है। कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि ‘‘इस कोरोना काल में तो कांग्रेस ने हद कर दी। पहली लहर के दौरान देश जब लॉकडाउन का पालन कर रहा था, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) दुनिया भर को सलाह देता था, सारे स्वास्थ्य विशेषज्ञ कह रहे थे कि जो जहां है वहीं पर रुके। तब कांग्रेस के लोगों ने मुंबई के रेलवे स्टेशनों पर मुंबई के श्रमिकों को जाने के लिए मुफ्त टिकट दिया, लोगों को जाने के लिए प्रेरित किया गया।’’

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