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Hindi News भारत राष्ट्रीय देवघर रोप-वे हादसा एक सबक: मेंटेनेंस की अनदेखी पड़ी भारी, भविष्य में सुरक्षा के लिए उठाने होंगे ये कदम

देवघर रोप-वे हादसा एक सबक: मेंटेनेंस की अनदेखी पड़ी भारी, भविष्य में सुरक्षा के लिए उठाने होंगे ये कदम

यह पहला रोप-वे हादसा नहीं है जब लोगों की मौत हुई है। इससे पहले पश्चिम बंगाल, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में हुए रोप-वे हादसे में कई लोग काल कवलित हुए थे। विशेषज्ञों का कहना है कि देवघर रोप-वे हादसा एक सबक है।

Deoghar ropeway accident - India TV Hindi Image Source : PTI Deoghar ropeway accident

नई दिल्ली: झारखंड के देवघर में त्रिकुट पर्वत पर रोप-वे का रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो गया। रोप-वे की ट्रॉलियों में फंसे 46 को बचा लिया गया है जबकि 4 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। आपको बता दें कि यह पहला रोप-वे हादसा नहीं है जब लोगों की मौत हुई है। इससे पहले पश्चिम बंगाल, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में हुए रोप-वे हादसे में कई लोग काल कवलित हुए थे। विशेषज्ञों का कहना है कि देवघर रोप-वे हादसा एक सबक है। भविष्य में इस तरह के हादसे नहीं हो इसके लिए रोप-वे की प्रोपर मेंटेनेंस सहित राज्य सरकारों को सख्त कदम उठाने होंगे। आइए, जानते हैं कि इस तरह के हादसे रोकने के लिए सुरक्षा विशेषज्ञ क्या सलाह दे रहे हैं।
 
हफ्ते में एक बार हो प्रोपर मेंटेनेंस
शापूरजी पालोनजी इंफ्रा के सेफ्टी एक्सपर्ट मुकेश कुमार ने बताया कि रोप-वे हादसे होने की सबसे बड़ी वजह है प्रोपर मेंटेनेंस का नहीं होना है। अभी अधिकांश कंपनियां महीने में एक बार रोप-वे को मेंटेनेंस करती है। कई जगह तीन महीने में कराया जाता है। कोरोना के कारण कई रोप-वे बीते दो साल से बंद थे। अब एकदम से शुरू कर दिए गए हैं। सुरक्षा की दृष्टि से रोप-वे को हफ्ते में एक बार प्रोपर तरीके से मेंटेनेंस करना जरूरी है। इसके तहत लिमिट स्वीच, सेंसेर, केबल, रोलर्स, ड्राइविंग व्हील, अपर स्टेशन, डाउन स्टेशन आदि की जांच और मेंटेनेंस शामिल है। ऐसा करने से ट्रॉली फंसने, केबल टूटने, अटकने, ट्रॉलियां केबल से अलग होकर गिरने की घटना नहीं होगी और भविष्य में बड़े हादसे को टाला जा सकता है।
 
रेस्क्यू करने के तरीके पर उठाए सवाल
झारखंड के सामाजिक कार्यकर्ता पंकज यादव ने इंडिया टीवी से बात करते हुए रोप-वे रेस्क्यू के पूरे तरीके पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि रामनवमी के दिन भीड़ इकट्ठा होने के बाद एक साथ 26 ट्रॉलियां चला दी गई जिससे यह अनहोनी हुई लेकिन जिस तरह से रेस्क्यू का ऑपरेशन चलाया गया है और चार लोगों की जान गई वह भी सवालों के घेरे में है। हाई कोर्ट से इस मामले पर स्वत: सज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। वैसे बता दें कि 10 साल पहले ही इसी रोप-वे कंपनी द्वारा इसे बनाने में अनियमितता सामने आने पर कोर्ट में मामला दर्ज हुआ था। वो अभी तक लंबित है। इस मामले में राज्य सरकार भी कठघरे में है। वो अपनी जवाबदेही से भाग नहीं सकती है।

क्या होता है रोप-वे
रोप-वे यानी रस्सी (केबल) के सहारे बनने वाला रास्ता। आमतौर पर इसका प्रयोग पहाड़ी इलाकों में आवागमन सुगम बनाने के लिए किया जाता है। रोप-वे भारत के पर्वतीय प्रदेशों में नया ट्रांसपोर्ट सिस्टम है। दुनिया का सबसे ऊंचा रोपवे Merida Cable Car है जो Venezuela में है, जोकि पंद्रह हजार छह सौ तेईस फीट की ऊंचाई पर है।
 
देश के शीर्ष 10 रोप-वे, जहां बड़ी संख्या में आते हैं पर्यटक
जम्मू और कश्मीर का गुलमर्ग रोप-वे
जम्मू और कश्मीर का पटनीटॉप रोप-वे
हिमाचल प्रदेश का मनाली रोप-वे
उत्तराखंड का मसूरी रोप-वे
सिक्किम का गंगटोक रोप-वे
राजस्थान का उदयपुर रोप-वे
उत्तराखंड का औली  रोप-वे
बिहार का नालंदा रोप-वे
पश्चिम बंगाल का दार्जिलिंग रोप-वे
हरिद्वार में मनसा देवी रोप-वे

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