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Amazing Facts: मछलियां गणित के सवालों का दे सकती हैं जवाब, रिसर्च में हुआ खुलासा

Amazing Facts: हम बचपन से गणित के सवालों को हल करते आ रहे हैं। कभी-कभी ऐसा होता है कि कोई सवाल फंस जाता है तो हम उसे हल नहीं कर पाते हैं। हालांकि मनुष्य से ऐसा कोई गणित का सवाल बचा नहीं हो, जो हल नहीं हुआ हो

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Highlights

  • स्टिंग रे संख्या जोड़ने में 94 प्रतिशत सफल रही
  • अंदर पहचानने और याद करने की क्षमता काफी होती हैं
  • मैथ के बेसिक सवालों को हल कर सकती हैं

Amazing Facts: हम बचपन से गणित के सवालों को हल करते आ रहे हैं। कभी-कभी ऐसा होता है कि कोई सवाल फंस जाता है तो हम उसे हल नहीं कर पाते हैं। हालांकि मनुष्य से ऐसा कोई गणित का सवाल बचा नहीं हो, जो हल नहीं हुआ हो। इसे ही संबंधित आपको खबर बताने जा रहे हैं जिन्हें जानकार आपको हैरान हो जाएंगे। गणित के सवालों का हल अब मछलियां भी कर सकती है। आपने सही पढ़ा है। एक रिसर्च में खुलास हुआ है कि मछलियां आसानी से गणित के सवालों का जवाब दे सकती है। आइए जानते हैं कि ऐसा कैसे पॉसिबल हो सकता है। 

दरअसल, हाल ही में जर्मनी की बॉन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च में खुलासा किया है कि पानी में रहने वाली मछलियां भी गणित के सवालों का आंसर कर सकती है। वैज्ञानिकों का कहना था कि स्टिंग रे और जीब्रा मबूना सिक्लिड्स नाम की दो मछलियां है, जो जोड़ और घटाओं समझ सकती है। वही आपको बता दें कि गणित समझने वाले में मधुमक्खियां और कुछ पक्षियां भी है जो सवालों के जवाब देते हैं। 

रंगों के आधार पर मैथ्स को समझा 
वैज्ञानिक जूलॉजिस्ट वेरा श्र्लूसेल और उनकी टीम ने अध्ययन किया है। उन्होंने अपने रिसर्च में बताया है कि स्टिंग रे और जीब्रा मबूना सिक्लिड्स सिंबल्स मैथ के बेसिक सवालों को हल कर सकती हैं। उनके अंदर पहचानने और याद करने की क्षमता काफी होती हैं। यदि किसी नंबर को रंग से डिनोट करें तो तुरंत समझ जाती है। अध्ययन के दौरान पाया गया है कि मछलियों ने रंग के आधार पर ही सबसे बड़ी संख्या और छोटी संख्या का चयन सीखा। दोनों किसी भी संख्या से एक को घटाना और जोड़ना भी सीख चुकी है। 

कैसे हुआ अध्ययन 
वैज्ञानिकों ने बताया कि अलग-अलग संख्या और आकारों के डिस्पले कार्डस की सहयता से मछलियों को सही दरवाजे तक पहुंचना था। अध्ययन के मुताबिक, मछलियों को कार्डस की मदद से मैथ्स को समझाने की ट्रेनिंग दी गई। उनके सामने दो दरवाजे बनाए गए। अलग-अलग संख्या और आकारों के डिस्प्ले कार्डस के मदद से मछलियों को उचित दरवाजे पर पहुंचना था। जैसे हम उदाहरण से समझते हैं, अगर मछलियों को 3 नीले स्क्वायर कार्ड दिखाए जाएंगे, इसका मतलब वो सही दरवाजा होगा। इसके बाद उन्हें 4 नीले स्क्वावायर कार्ड दिखाए जाने पर उनको संख्या में एक जोड़ना होगा। तभी उनको रिवार्ड प्राप्त होगा। वहीं कार्ड का रंग पीला होने पर उन्हें सही दरवाजे तक पहुंचने के लिए संख्या में से एक माइनस करना होगा।   

तीन मछलियां सफल हो पाई 
इस रिसर्च में दोनों मछलिया कामयाब रही। स्टिंग रे संख्या जोड़ने में 94 प्रतिशत सफल रही तो वही संख्या घटाने में 89 परसेंट तक कामयाब रही। इस अध्ययन में 8 स्टिंग रे और 8 जीब्रा मबूना मछलियों  को हिस्सा बनाया गया था। जिसमें मैथ्य के सवालों का जवाब देने में 8 में से 3 स्टिंग रे सक्सेस पाई। बाकी 8 सिक्लिड्स में से 6 गणित के कॉन्सेप्ट को बारिकी से समझा। वही इसी रिसर्च में एक और खुलासा हुआ कि स्टिंग रे और जीब्रा मबूना मछलियां ये शिकारी प्रजाति की नहीं है। 

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