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Hindi News भारत राष्ट्रीय पूर्व केंद्रीय मंत्री ने नीतीश कुमार पर साधा निशाना, बोले- संयोजक नहीं बने, क्योंकि वो दायित्व नहीं निभा सकते

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने नीतीश कुमार पर साधा निशाना, बोले- संयोजक नहीं बने, क्योंकि वो दायित्व नहीं निभा सकते

नीतीश कुमार इंडी गठबंधन के संयोजक नहीं बने हैं। मल्लिकार्जुन खरगे को इंडी गठबंधन का संयोजक बनाया जाएगा। इसकी अधिकारिक घोषणा होनी बाकी है। इस बीच नीतीश कुमार को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने बयान दिया है।

Former Union Minister RCP SINGH targeted Nitish Kumar said he cannot fulfill the responsibility OF I- India TV Hindi Image Source : ANI आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार पर साधा निशाना

विपक्षी गठबंधन इडी अलांयस की बैठक बीते दिनों संपन्न हो गई। इस बैठक में सीट शेयरिंग पर चर्चा की गई और सभी दलों ने इंडी गठबंधन के संयोजक के रूप में मल्लिकार्जुन खरगे के नाम को आगे बढ़ाया है. बता दें कि अभी इसका औपचारिक ऐलान होना बाकी है। इस बीच राजनीति भी तेज हो गई है। दरअसल नीतीश कुमार को संयोजक बनाए जाने की बीते दिनों खूब मांग की जा रही थी। इस बीच भाजपा नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, 'नीतीश कुमार की अब जो मानसिक और शारीरिक स्थित हो गई है, इसमें वो किसी भी महत्वपूर्ण दायित्व का निर्वहन नहीं कर सकते हैं।'

आरसीपी सिंह का नीतीश पर निशाना

उन्होंने कहा कि मैं कई बार बोल चुका हूं कि नीतीश कुमार की शारीरिक और मानसिक रूप से जो स्थिति है वो किसी भी दायित्व को नहीं निभा सकते हैं। वो तो बिहार है जो झेल रहा है सब। इंडी गठबंधन वालों ने संयोजक बनाने से मना कर दिया। क्योंकि वो लोग जानते हैं कि नीतीश कुमार किसी भी उत्तरदायित्व को नहीं निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यहां ताल और मेल दोनों ही नहीं है। इनका ताल और मेल दोनों नहीं होगा। तालमेल के लिए जरूरी है कि आपकी सोच, विचारधारा और कार्यक्रम में एकरूपता हो। समझदारी हो। अलग-अलग एजेंडा, अलग अलग सोच, किसी को अपना वंश चलाना है, किसी को अपना परिवार आगे बढ़ाना है, जो भ्रष्टाचार में लिप्त है उसको बचाना है।

उन्होंने कहा कि हमें इंडी गठबंधन के बारे में पता नहीं है। लेकिन जो संयोजक होता है उसका काम होता है कि गठबंधन में जितने भी दल हैं उनमें सामंजस्य स्थापित करना। लेकिन नीतीश कुमार की ऐसी स्थिति ऐसी नहीं है। लोगों के बीच में सामंजस्य स्थापित कर सकें ऐसी स्थिति नहीं है उनकी। उनके सामने माइक दिया जाएगा तो वो खुद नहीं जानते कि क्या बोल देंगे। वो खुद नहीं जानते। जब शारीरिक रूप से सक्षम नहीं है। मानसिक रूप से सक्षम नहीं हैं। तो कैसे किसी पद का वो अच्छे से निर्वहन कर सकते हैं।

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