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Hindi News भारत राष्ट्रीय देश के पहले बौने व्यक्ति को मिला ड्राइविंग लाइसेंस, कहा- मैं दिव्यांगों के लिए ड्राइविंग स्कूल खोलना चाहता हूं

देश के पहले बौने व्यक्ति को मिला ड्राइविंग लाइसेंस, कहा- मैं दिव्यांगों के लिए ड्राइविंग स्कूल खोलना चाहता हूं

हैदराबाद में गत्तीपल्ली शिवलाल नामक देश के पहले बौने व्यक्ति को ड्राइविंग लाइसेंस दिया गया है। गत्तीपल्ली शिवलाल ने कहा, "मैं 42 साल का हूं। मैंने 120 ड्राइविंग स्कूल में सिखने के लिए आवेदन दिया पर मुझे किसी ने नहीं सिखाया। मैं दिव्यांग लोगों के लिए ड्राइविंग स्कूल खोलना चाहता हूं।"

देश के पहले बौने व्यक्ति को मिला ड्राइविंग लाइसेंस, कहा- मैं दिव्यांगों के लिए ड्राइविंग स्कूल खोलना- India TV Hindi Image Source : ANI देश के पहले बौने व्यक्ति को मिला ड्राइविंग लाइसेंस, कहा- मैं दिव्यांगों के लिए ड्राइविंग स्कूल खोलना चाहता हूं

Highlights

  • भारत में पहली बार किसी बौने व्यक्ति को मिला ड्राइविंग लाइसेंस
  • हैदराबाद के रहने वाले गट्टीपल्ली शिवपाल महज 3 फीट लंबे हैं और उम्र 42 साल है
  • ड्राइविंग प्रशिक्षण के लिए बहुत से छोटे लोग मुझसे संपर्क कर रहे हैं- गट्टीपल्ली शिवपाल

तेलंगाना: कहते हैं मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है... ये लाइनें हैदराबाद के निवासी गट्टीपल्ली शिवपाल पर सटीक बैठती हैं। गट्टीपल्ली शिवपाल देश में ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने वाले पहले बौने व्यक्ति हैं। इतना ही नहीं लिम्का बुक आफ रिकार्ड में भी गट्टीपल्ली शिवपाल का नाम दर्ज हो गया है। हैदराबाद में गत्तीपल्ली शिवलाल नामक देश के पहले बौने व्यक्ति को ड्राइविंग लाइसेंस दिया गया है। गत्तीपल्ली शिवलाल ने कहा, "मैं 42 साल का हूं। मैंने 120 ड्राइविंग स्कूल में सिखने के लिए आवेदन दिया पर मुझे किसी ने नहीं सिखाया। मैं दिव्यांग लोगों के लिए ड्राइविंग स्कूल खोलना चाहता हूं।"

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अब उनके जैसे कद वाले लोग गट्टीपल्ली शिवपाल से ड्राइविंग सिखने के लिए संपर्क कर रहे हैं। इसके चलते गट्टीपल्ली शिवपाल ने ड्राइविंग स्कूल भी खोलने की तैयारी कर ली है। उनकी उम्र 42 साल है और वे करीब 3 फीट लंबे हैं। उन्होंने 2004 में अपनी डिग्री पूरी की और अपने जिले में दिव्यांग के रूप में डिग्री पूरी करने वाले पहले व्यक्ति थे। गौरतलब है कि, गट्टीपल्ली शिवपाल को ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने में खूब कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। शिवपाल कहते हैं, ' मेरे कद के कारण लोग मुझे चिढ़ाते थे और आज मैं द लिम्का बुक आफ रिकार्ड्स और कई अन्य रिकार्ड बुक्स में नाम दर्ज करा चुका हूं। ड्राइविंग प्रशिक्षण के लिए बहुत से छोटे लोग मुझसे संपर्क कर रहे हैं और मैंने अगले साल शारीरिक रूप से दिव्यांग लोगों के लिए ड्राइविंग स्कूल शुरू करने का फैसला किया है।'

बता दें कि, ड्राइविंग में गट्टीपल्ली शिवपाल की दिलचस्पी तब और बढ़ गई जब उन्हें अमेरिका में एक बौने व्यक्ति का कार चलाते हुए एक वीडियो देखने को मिला। इसके बाद मैकेनिक्स को समझने के लिए उन्होंने अमेरिका की यात्रा की। जब उन्होंने यह मान लिया कि कार चलाना उनके लिए असंभव नहीं है, तो वह हैदराबाद में एक ऐसे व्यक्ति से मिले जो कारों को कस्टमाइज करता है। इसके बाद गट्टीपल्ली शिवपाल ने अपनी कार को कस्टमाइज कराया। इसके बाद भी उनके लिए ड्राइविंग सीखने की इच्छा पूरी न हो सकी क्योंकि शहर के 120 से अधिक ड्राइविंग स्कूलों ने विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए उन्हें ड्राइविंग सिखाने से इन्कार कर दिया था। बाद में उन्होंने अपने दोस्त इस्माइल की मदद से यह कारनामा किया। अब वह अपनी पत्नी को गाड़ी चलाना सिखा रहे हैं।

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