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Hindi News भारत राष्ट्रीय पुर्तगाल सरकार को दिए आश्वासन के चलते बाध्य भारत सरकार, अबू सलेम को नहीं होगी 25 साल से ज्यादा सजा?

पुर्तगाल सरकार को दिए आश्वासन के चलते बाध्य भारत सरकार, अबू सलेम को नहीं होगी 25 साल से ज्यादा सजा?

भारत सरकार पुर्तगाल सरकार को दिये गये इस औपचारिक आश्वासन का पालन करने जा रही है कि कुख्यात अपराधी अबू सलेम को दी गई अधिकतम सजा 25 साल से ज्यादा नहीं होगी। 

Abu Salem- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Abu Salem

केंद्रीय गृह सचिव ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सरकार तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी द्वारा पुर्तगाल सरकार को दिए गए इस आश्वासन के चलते बाध्य है कि गैंगस्टर अबू सलेम को 25 साल से अधिक की सजा नहीं दी जाएगी। 

कोर्ट ने 12 अप्रैल को केंद्रीय गृह सचिव को निर्देश दिया था कि वह हलफनामा दाखिल कर बताएं कि क्या भारत सरकार पुर्तगाल सरकार को दिये गये इस औपचारिक आश्वासन का पालन करने जा रही है कि कुख्यात अपराधी अबू सलेम को दी गई अधिकतम सजा 25 साल से ज्यादा नहीं होगी। 

कोर्ट के इस आदेश के बाद दाखिल हलफनामे में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने कहा कि 10 नवंबर, 2030 को 25 साल की अवधि समाप्त हो जाने के बाद यह आश्वासन प्रभावी होगा। शपथ पत्र में कहा गया है, ‘यह सम्मानपूर्वक बताया जाता है कि भारत सरकार 17 दिसंबर, 2002 के आश्वासन के चलते बाध्य है। आश्वासन में जिस 25 वर्ष की अवधि का जिक्र किया गया है, भारत उसका उचित समय पर पालन करेगा।’ 

गृह सचिव ने अभ्यावेदन में कहा कि आश्वासन का पालन नहीं किए जाने का सलेम का दावा समय से पहले किया गया है और काल्पनिक अनुमानों पर आधारित है तथा वर्तमान कार्यवाही में उसे नहीं उठाया जा सकता। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका, कार्यपालिका द्वारा अपनाए गए किसी भी रुख से बंधे बिना और आपराधिक मामलों सहित सभी मामलों में लागू कानूनों के अनुसार फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है। 

इस मामले पर न्यायमूर्ति एस के कौल और एम एम सुंदरेश की पीठ 21 अप्रैल को सुनवाई करेगी। इससे पहले, शीर्ष अदालत ने केंद्र से इस विषय पर रुख स्पष्ट करने को कहा था। न्यायालय ने कहा था कि केंद्र सरकार की इस प्रतिबद्धता पर उसके रुख का अगली बार किसी भगोड़े को देश लाने के संबंध में व्यापक असर पड़ेगा। 

शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दाखिल हलफनामे से संतुष्ट नहीं है, जिसमें कहा गया है कि मुंबई में 1993 में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों के दोषी सलेम के प्रत्यर्पण के दौरान पुर्तगाल सरकार को दिया गया भारत का आश्वासन भारतीय अदालतों के लिए बाध्यकारी नहीं है। 

न्यायालय ने सलेम द्वारा दायर एक याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा था, जिसमें कहा गया है कि भारत और पुर्तगाल के बीच प्रत्यर्पण संधि की शर्तों के अनुसार उसकी जेल की सजा 25 साल से अधिक नहीं हो सकती। सलेम मुंबई बम धमाकों के मामले में अपनी भूमिका के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। 

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