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Hindi News भारत राष्ट्रीय सरकार ने मास्क के इस्तेमाल में कमी को लेकर जताई चिंता, किया आगाह

सरकार ने मास्क के इस्तेमाल में कमी को लेकर जताई चिंता, किया आगाह

देश में ओमिक्रॉन के मामले बढ़कर 32 हो गए हैं। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, पुणे जिले में साढ़े तीन वर्षीय बच्ची समेत महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के सात नये मामले सामने आए हैं।

<h1 style="background: white; vertical-align: baseline;...- India TV Hindi Image Source : PTI सरकार ने मास्क के इस्तेमाल में कमी पर आगाह किया

Highlights

  • सरकार ने कहा लोग जोखिम भरा और अस्वीकार्य व्यवहार कर रहे हैं
  • देश में ओमिक्रॉन के मामले बढ़कर 32 हो गए हैं
  • गुजरात में ओमिक्रॉन के दो नए मामले सामने आए हैं

नई दिल्लीः  देश में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने चिंता जाहिर की है। सरकार ने मास्क का इस्तेमाल कम होने को लेकर शुक्रवार को आगाह किया और कहा कि लोग ‘‘जोखिम भरा और अस्वीकार्य’’ व्यवहार कर रहे हैं।

देश में ओमिक्रॉन के मामले बढ़कर 32 हो गए हैं। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, पुणे जिले में साढ़े तीन वर्षीय बच्ची समेत महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के सात नये मामले सामने आए हैं। यह बच्ची कोविड-19 के इस नए स्वरूप से संक्रमित देश की सबसे कम उम्र की मरीज हो सकती है। सात नए मामलों में से चार पुणे जिले से हैं और ये सभी भारतीय मूल की नाइजीरिया से आयी तीन महिलाओं के संपर्क में आए थे जिनमें पहले इस संक्रमण की पुष्टि हुई थी।

गुजरात में भी ओमिक्रॉन के दो नए मामले सामने आए हैं। वाशिंगटन विश्वविद्यालय में स्वतंत्र वैश्विक स्वास्थ्य अनुसंधान केंद्र ‘इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मीट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन’ के आकलन का हवाला देते हुए नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ.वी के पॉल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में मास्क का इस्तेमाल कोरोना वायरस की दूसरी लहर आने के पहले की अवधि की तुलना में कम हो गया है।

उन्होंने टीके की खुराक लेने और मास्क लगाने दोनों को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, ‘‘हम आपको आगाह करते हैं कि अभी मास्क हटाने का वक्त नहीं आया है। इस तरीके से हम फिर से खतरे की स्थिति में आ गए हैं। सुरक्षा क्षमता के नजरिए से हम निचले, जोखिम भरे और अस्वीकार्य स्तर पर हैं। हमें यह याद रखना होगा कि टीके की दोनों खुराक और मास्क अहम है।’’

डब्ल्यूएचओ के हाल के विश्लेषण का जिक्र करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि जन स्वास्थ्य एवं सामाजिक उपाय (पीएचएसएम) का अनुपालन कम हो रहा है जबकि टीकाकरण दर में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपनी और हमारे आसपास के लोगों की कोविड-19 से रक्षा करने के लिए इन सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों का पालन करने की आवश्यकता है।’’

अग्रवाल ने कहा, ‘‘ओमिक्रॉन के मामले कुल स्वरूपों के मामलों के 0.04 प्रतिशत से भी कम हैं। सभी मामले में हल्के लक्षण देखे गए हैं।’’ संक्रमण के इन कुल मामलों में महाराष्ट्र से शाम को आए ओमिक्रॉन के सात नए मामले शामिल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सीय रूप से ओमिक्रॉन से स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था पर अभी तक बोझ नहीं पड़ रहा है लेकिन सावधानी बरतनी होगी। पॉल ने कहा कि देश में एक या दो क्षेत्रों में ज्यादा मामले आ रहे हैं। उन्होंने लोगों से न घबराने की अपील करते हुए कहा, ‘‘ऐसे 70 क्षेत्र हमारी नजर में हैं और व्यापक रूप से डेल्टा स्वरूप इसके लिए जिम्मेदार है लेकिन फिर भी हमें सतर्क रहना होगा। इसलिए टीकाकरण महत्वपूर्ण है और दोनों खुराक लेना तथा मास्क पहनना जरूरी है।’’

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने एक विज्ञप्ति में कहा कि राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में ओमिक्रॉन के सात नए मामले आए हैं जिनमें से तीन मुंबई में और चार पुणे जिले के पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम (पीसीएमसी) से सामने आए हैं। इसमें कहा गया है, ‘‘राज्य में ओमीक्रोन के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 17 हो गयी है।’’

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ बूस्टर खुराक की बात तब आती है जब सभी लोग टीके की पूरी खुराक ले लेते हैं और अभी यही राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने पुणे में पत्रकारों से कहा कि हालांकि बूस्टर खुराक देने पर फैसला केंद्र को लेना है। संसद की एक समिति ने सुझाव दिया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय को विभिन्न संबद्ध एजेंसियों के साथ समन्वय कर कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों से मुकाबला करने के लिए कोरोना रोधी टीको की बूस्टर खुराक की जरूरत के बारे में पता लगाना चाहिए।

अपनी सिफारिश में समिति ने कहा, ‘‘समिति कोविड-19 के नए स्वरूप ओमीक्रोन से उत्पन्न खतरे पर ध्यान देती है और यह भी सिफारिश करती है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) और कोविड-19 के लिए वैक्सीन प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (एनईजीवीएसी) के साथ समन्वय कर भारत में वायरस के विभिन्न रूपों से निपटने के लिए बूस्टर खुराक की आवश्यकता का आकलन करना चाहिए।’’

इस बीच, केंद्र ने कहा कि एनईजीवीएसी और एनटीएजीआई कोरोना वायरस के खिलाफ बूस्टर खुराकों के खिलाफ स्पष्टीकरण के संबंध में वैज्ञानिक सबूतों पर विचार कर रही है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने शुक्रवार को संसद में एक लिखित जवाब में स्पष्ट किया कि वेबसाइट ‘अवरवर्ल्डडेटाडाटओआरजी’ पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार दुनिया में 60 से अधिक देश कोविड-19 रोधी टीके की बूस्टर खुराक दे रहे हैं। 

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