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Hindi News भारत राष्ट्रीय गुरु नानक जयंती आज, जानें क्यों इसे कहते हैं 'प्रकाश पर्व'

गुरु नानक जयंती आज, जानें क्यों इसे कहते हैं 'प्रकाश पर्व'

देशभर में आज प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है। यह दिन गुरु नानक साहब की जयंती पर मनाया जाता है। इस दिन को प्रकाश पर्व भी कहा जाता है।

देशभर में मनाया जा रहा प्रकाश पर्व।- India TV Hindi Image Source : PTI देशभर में मनाया जा रहा प्रकाश पर्व।

नई दिल्ली: देशभर में आज प्रकाश पर्व की धूम है। आज कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक जयंती मनाई जा रही है। गुरु नानक साहब की जयंती के दिन को ही प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। ऐसे में इस बार आज यानी 27 नवंबर को प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है। यह दिन सिख समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन सिख समुदाय के लोग भजन-कीर्तन करते हैं, प्रभात फेरियां भी निकाली जाती हैं। गुरु नानक जयंती के पावन अवसर पर देशभर के सभी गुरुद्वारों में खास रौनक देखने को मिलती है। लोग गुरुद्वारे जाकर पाठ करते हैं ।इस दिन गुरुद्वारे को रंग-बिरंगी लाइटों और फूलों से सजाया जाता है। गुरु नानक जयंती को गुरु पूरब और प्रकाश पर्व के नाम से भी जाना जाता है।

आज ही के दिन हुआ जन्म

बता दें कि प्रकाश पर्व हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही मनाया जाता है। बताया जाता है कि सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक साहब का आज ही के दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हुआ था। गुरु नानक देव के पिता का नाम कल्याण चंद और माता का नाम तृप्ता था। उनका जन्म तलवंडी में हुआ जो इस समय पाकिस्तान में है। 15 अप्रैल 1469 को उनका जन्म हुआ। उनके जन्मस्थान को ननकाना साहिब के नाम से भी जाना जाता है। सिख समुदाय के लोगों के लिए यह स्थान काफी पवित्र माना जाता है। हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक जयंती मनाई जाती है। आज ही के दिन देव दीपावली भी मनाई जाती है। देव दीपावली को लेकर वाराणसी पूरी तरह से सज चुकी है। 

क्या है प्रकाश पर्व

मान्यताओं के अनुसार गुरु नानक जी ने ही सिख धर्म की नींव रखी थी, इसलिए वे सिखों के पहले गुरु माने जाते हैं। नानक जी ने ही पवित्र शब्द  'इक ओंकार' को लिखा था। सिखों के लिए इस गुरुवाणी का काफी अधिक महत्व है। बता दें कि इस साल गुरु नानक जयंती 27 नवंबर को मनाई जा रही है। गुरु नानक जी एक संत, गुरु और समाज सुधारक थे। उन्होंने अपना जीवन समाज के लिए समर्पित कर दिया था। बचपन से ही वह अपना ज्यादातर समय चिंतन में बिताते थे। उन्हें सांसारिक मोह नहीं था। इसके साथ ही उन्होंने जात-पात मिटाने के लिए और लोगों को एकता के सूत्र में बांधने के लिए उपदेश दिए थे। नानक जी ने समाज में ज्ञान का प्रकाश फैलाने का कार्य किया था, इसी वजह से गुरु नानक जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में भी मनाया जाता है।

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