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Hindi News भारत राष्ट्रीय कर्नाटक में बिजली की दरों में भारी बढ़ोत्तरी से मचा हाहाकार, सड़कों पर उतरे व्यापारी और कारोबारी

कर्नाटक में बिजली की दरों में भारी बढ़ोत्तरी से मचा हाहाकार, सड़कों पर उतरे व्यापारी और कारोबारी

कर्नाटक में बिजली की दरों में भारी बढ़ोत्तरी हुई है जिसके बाद व्यापारी और कारोबारी सड़कों पर उतरकर अपना विरोध प्रदर्शन दर्ज करा रहे हैं।

Karnataka News, Karnataka Electricity Rates, Karnataka Traders- India TV Hindi Image Source : FILE कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने दरों में कमी से साफ इनकार कर दिया है।

बेंगलुरु: कर्नाटक की सत्ता में आने के कुछ ही दिन बाद कांग्रेस सरकार द्वारा बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी के विरोध में व्यापारी और कारोबारी सड़कों पर उतर आए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूबे के कई इलाकों में गुरुवार को व्यापारियों और लघु उद्योगों से जुड़े लोगों ने बिजली दरों में हाल में हुई बढ़ोतरी के विरोध में रैली निकाली और प्रदर्शन किया। हुबली के कर्नाटक चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (KCCI) ने इस बंद का आह्वान किया था। बड़ी संख्या में व्यापारी और छोटे कारोबारी विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुए।

2.89 रुपये प्रति यूनिट की हुई है वृद्धि
बिजली की बढ़ी दरों को लेकर प्रदर्शन ऐसे समय हो रहा है जब राज्य सरकार ने इसी सप्ताह रिहायशी बिजली कनेक्शनों को 'गृह ज्योति' योजना के तहत 200 यूनिट बिजली मुफ्त देने की घोषणा की है। इस योजना की घोषणा के कुछ दिन बाद ही कर्नाटक विद्युत नियामक आयोग ने 5 जून को बिजली की दरों में 2.89 रुपये प्रति यूनिट की वृद्धि कर दी। बढ़ोत्तरी के विरोध में व्यापारियों और कारोबारियों ने हाथ में बैनर, पोस्टर और तख्ती लेकर जिला मुख्यालयों में मार्च निकाला। उन्होंने हुबली-धारवाड़, शिवमोगा, बेलगावी, बेल्लारी, विजयनगर, दावणगेरे और कोप्पल समेत अन्य स्थानों पर मार्च किया।

‘50-70 फीसदी बढ़ गए बिजली के रेट’
व्यापारियों ने सरकार से बिजली दरों में बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग की है। बड़ी संख्या में व्यापारियों और कारोबारियों ने बेलागावी में बैनर और तख्ती के साथ उपायुक्त कार्यालय तक मार्च किया। KCCI के कार्यवाहक अध्यक्ष संदीप बिदासरिया ने दावा किया है कि बिजली दरों में 50-70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और इससे छोटे उद्योग बुरी तरह प्रभावित होंगे। इससे पहले बिदसारिया ने साफ किया था कि वह सरकार के खिलाफ नहीं जा रहे हैं, बल्कि इस उम्मीद के साथ अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं कि उनकी आवाज सुनी जाए और कुछ उपाय निकाला जाए। 

सिद्धारमैया ने कहा, शुल्क कम नहीं होगा
बता दें कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने रविवार को कहा था कि वह इन चिंताओं के संबंध में चर्चा के लिए उद्योगपतियों की एक बैठक बुलाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस हंगामे का कोई मतलब नहीं है क्योंकि अगले महीने से बिजली के बिल कम होने वाले हैं। सिद्धारमैया ने कहा कि कुछ लोगों को बिजली का बिल ज्यादा लग रहा था, क्योंकि लोगों को 2 महीने का बिल मिला था। उन्होंने कहा, ‘शुल्क कम नहीं होगा। यह ज्यादा लग रहा है क्योंकि 2 महीने का बिल दिया गया था। अगले महीने से हर महीने का बिल दिया जाएगा। इसके बाद बिल की रकम कम हो जायेगी।’ (भाषा)

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