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Hindi News भारत राष्ट्रीय घाटी में हिज्बुल मुजाहिदीन के ‘मॉड्यूल’ का भंडाफोड़, सुरक्षा बलों ने आतंकियों के पांच सहयोगी दबोचे

घाटी में हिज्बुल मुजाहिदीन के ‘मॉड्यूल’ का भंडाफोड़, सुरक्षा बलों ने आतंकियों के पांच सहयोगी दबोचे

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने गुरुवार को हिज्बुल मुजाहिदीन के एक ‘मॉड्यूल’ का भंडाफोड़ किया और कुपवाड़ा जिले में आतंकवादियों के पांच सहयोगियों को गिरफ्तार किया।

युगल कुमार मन्हास, SSP कुपवाड़ा, जम्मू-कश्मीर- India TV Hindi Image Source : ANI युगल कुमार मन्हास, SSP कुपवाड़ा, जम्मू-कश्मीर

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने गुरुवार को हिज्बुल मुजाहिदीन के एक ‘मॉड्यूल’ का भंडाफोड़ किया और कुपवाड़ा जिले में आतंकवादियों के पांच सहयोगियों को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने कहा कि पुलिस और सेना की एक ज्वाइंट टीम ने आतंकवादियों के तीन साथियों अब्दुल रौफ मलिक, अल्ताफ अहमद पायर और रियाज अहमद लोन को गिरफ्तार किया। इतना ही नहीं पूछताछ के दौरान तीनों ने पाकिस्तान में बैठे अपने हैंडलर के बारे में जानकारी दी है और कुछ ठिकानों का भी खुलासा किया। 

पाकिस्तान में बैठा है आतंकवादी हैंडलर
अधिकारियों ने कहा कि पूछताछ के दौरान तीनों ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी हैंडलर फारूक अहमद पीर उर्फ ​​नदीम उस्मानी के निर्देश पर हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों के लिए बनाए गए दो ठिकानों का खुलासा किया। पीर फिलहाल पाक के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित है। अधिकारियों ने कहा, “आतंकवादियों के ठिकाने से एक एके राइफल, दो एके मैगजीन, एके राइफल के 119 कारतूस, एक पिस्टल, एक पिस्टल मैगजीन, पिस्टल के चार कारतूस, छह हथगोले, एक आईईडी, दो डेटोनेटर, दो तार के बंडल और लगभग 100 लीटर क्षमता की एक पानी की टंकी बरामद की गई है।” 

गोला-बारूद और ठिकाने के लिए मिले थे 6 लाख
गिरफ्तार किए गए लोगों ने पुलिस को बताया कि उन्हें हथियार और गोला-बारूद खरीदने और ठिकाना बनाने के लिए जून में छह लाख रुपये मिले थे। उन्होंने कहा, “बडगाम निवासी अब्दुल मजीद बेग सहित आतंकवादियों के दो और सहयोगियों को भी हिरासत में लिया गया है। ये दोनों भी आतंकी गतिविधियों का सक्रिय रूप से समर्थन करते रहे हैं।” अधिकारियों ने कहा कि आतंकवादियों के सहयोगी पीओके के एक अन्य ‘हैंडलर’ फैयाज गिलानी के संपर्क में थे, जो बडगाम का रहने वाला है। उन्होंने कहा, “गिरफ्तार किए गए समूह को आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए साजो-सामान सहायता, हथियार, गोला-बारूद और अन्य सुविधाएं प्रदान करने के अलावा घाटी में लक्ष्यों का चयन करने और युवाओं को आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी बनाने का भी काम सौंपा गया था।” 

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