A
Hindi News भारत राष्ट्रीय IMD: इस साल झमाझम बारिश के लिए रहें तैयार, भारत में मानसून रहेगा बेहतर, जानें वजह

IMD: इस साल झमाझम बारिश के लिए रहें तैयार, भारत में मानसून रहेगा बेहतर, जानें वजह

मौसम विज्ञान विभाग ने बड़ी खुशखबरी दी है, वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार भारत में मानसून की अच्छी बारिश देखने को मिलेगी। इसकी वजह ये है कि अल नीनी के कमजोर होने और ला नीना के प्रभाव के कारण बारिश बेहतर होगी।

good monsoon this year- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO इस साल मानसून के बेहतर रहने की उम्मीद

मौसम विज्ञानियों ने अनुमान जताया है कि पिछले साल  2023 को गर्मी अपने चरम पर थी और बारिश भी कम हुई थी। पिछले साल गर्म मौसम वाला वर्ष रहने के बाद ‘अल नीनो' की दशाएं इस साल जून तक खत्म हो जाएंगी, जिससे इस बार मानसून की अच्छी बारिश होने की उम्मीद बढ़ गई है। कई मौसम एजेंसियों ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि दुनिया भर के मौसम को प्रभावित करने वाला ‘अल नीनो' कमजोर होना शुरू हो गया है और अगस्त तक ‘ला नीना' की स्थिति बनने की संभावना है। ऐसे में इस साल भारत में मानसून के दौरान बेहतर बारिश होने की संभावना है। बता दें कि अल नीलो, भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर के जल के गर्म होने की प्रक्रिया है।

इस साल होगी अच्छी बारिश : IMD

भारत के मौसम वैज्ञानिकों ने कहा है कि जून-अगस्त तक ‘ला नीना' की स्थिति बनने का मतलब यह हो सकता है कि इस साल मानसून की बारिश पिछले साल की तुलना में बेहतर होगी। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव माधवन राजीवन ने बताया है कि जून-जुलाई तक ‘ला नीना' की स्थिति बनने की अच्छी संभावना है, जिससे बारिश अच्छी हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि अल नीनो न्यूट्रल स्थितियों में परिवर्तित हो गया, तो भी इस वर्ष मानसून पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर रहेगा।'' बता दें कि भारत की वार्षिक वर्षा में लगभग 70 प्रतिशत दक्षिण-पश्चिम मानसून से होती है, जो कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है। 

इस वजह से वैज्ञानिक जता रहे हैं उम्मीद

अमेरिका के राष्ट्रीय समुद्री और वायुमंडलीय प्रशासन (एनओएए) ने कहा था कि 79 प्रतिशत संभावना है कि ‘अल नीनो' अप्रैल-जून तक ‘ईएनएसओ-न्यूट्रल' में परिवर्तित हो जाएगा और जून-अगस्त में ‘ला नीना' के विकसित होने की 55 प्रतिशत संभावना है। इसके साथ ही यूरोपीय संघ की कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस ने पुष्टि की है कि ‘अल नीनो' अब कमजोर पड़ने लगा है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डी शिवानंद पई ने कहा, ‘‘अभी, हम निश्चित तौर पर कुछ नहीं कह सकते हैं। कुछ मॉडल, ला नीना का संकेत देते हैं, जबकि कुछ ईएनएसओ-न्यूट्रल दशाओं का संकेत दे रहे हैं। हालांकि, सभी मॉडल अल नीनो समाप्त होने का संकेत दे रहे हैं।''

इस साल झामझम बारिश के हैं आसार

एनओएए ने कहा कि मजबूत अल नीनो के कमजोर होने के बाद ही ला नीना की प्रवृत्ति रही है। पई ने कहा कि यह मानते हुए कि अल नीनो की स्थिति 2024 के पहली छमाही यानी मई जून तक जारी रहेगी। वहीं, विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने पूर्वानुमान जताया था कि यह वर्ष, 2023 से अधिक गर्म रहेगा, इस पर पई ने कहा कि, ‘‘अगर ला नीना विकसित होता है तो मौजूदा वर्ष, 2023 से ज्यादा गर्म नहीं होगा।''

वहीं, भारतीय  जलवायु वैज्ञानिक रॉक्सी मैथ्यू कोल ने कहा कि नवीनतम पूर्वानुमान जून तक ला नीना में अचानक परिवर्तन का संकेत दे रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप इस साल भारत में समय पर और मानसून की अच्छी बारिश हो सकती है।

Latest India News