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Hindi News भारत राष्ट्रीय रजत शर्मा के ‘आप की अदालत’ शो में गौतम अडानी ने कहा: “राहुल जी सम्माननीय नेता हैं, मैं उनकी टिप्पणियों को राजनीतिक बयानबाज़ी से ज़्यादा नहीं लेता”

रजत शर्मा के ‘आप की अदालत’ शो में गौतम अडानी ने कहा: “राहुल जी सम्माननीय नेता हैं, मैं उनकी टिप्पणियों को राजनीतिक बयानबाज़ी से ज़्यादा नहीं लेता”

अडानी ने कहा- मैं मानता हूं कि राहुल जी एक सम्माननीय नेता हैं । ठीक है, उनको भी राजनीतिक पार्टी चलानी है, उनकी विचारधारा की लड़ाई होती है, जिसमें आरोप-प्रत्यारोप होते हैं। मैं तो एक सामान्य उद्योगपति हूं। मैं अपना काम करता हूं, वह अपने हिसाब से राजनीति करते हैं। “

आप की अदालत में गौतम अडानी- India TV Hindi Image Source : INDIA TV आप की अदालत में गौतम अडानी

नयी दिल्ली : भारत के सबसे अमीर उद्योगपति गौतम अडानी  ने पहली बार कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लगाये गये आरोपों पर विस्तार से जवाब दिया है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि मोदी सरकार अडानी की कंपनियों को हजारों करोड़ रुपये के बैंक कर्ज दिलाने के साथ साथ पोर्ट, एयरपोर्ट, बिजलीघर दे रही है। रजत शर्मा के मशहूर टीवी शो ‘आप की अदालत’ में गौतम अडानी ने कहा: “राहुल जी सम्माननीय नेता हैं, वह भी देश की प्रगति चाहते हैं। ये ठीक है राजनीतिक आवेश में उनका बयान आ जाता है, पर मैं कभी उसे राजनीतिक बयानबाज़ी से ज़्यादा नहीं लेता”। ‘आप की अदालत’ शो का प्रसारण शनिवार रात इंडिया टीवी पर हुआ।

मेरा राहुल जी से झगड़ा करवा देंगे

गौतम अडानी ने मज़ाकिया लहज़े से कहा- “आप बार-बार राहुल जी की बात करके मेरा राहुल जी से झगड़ा करवा देंगे। और कल वह एक और बयान दे देंगे। मैं मानता हूं कि राहुल जी एक सम्माननीय नेता हैं । ठीक है, उनको भी राजनीतिक पार्टी चलानी है, उनकी विचारधारा की लड़ाई होती है, जिसमें आरोप-प्रत्यारोप होते हैं। मैं तो एक सामान्य उद्योगपति हूं। मैं अपना काम करता हूं, वह अपने हिसाब से राजनीति करते हैं। “

अडानी ने कहा – “2014 से पहले, खास तौर से उत्तर भारत में, शायद कभी किसी ने अडानी का नाम सुना होगा। हम लोग गुजरात से आते हैं। पश्चिमी भारत में 2014 से पहले लोग हमें जानते थे। 2014 चुनाव के वक्त और उसके बाद में राहुल जी ने जब लगातार हम पर अटैक किये, उससे आप लोगों को भी अडानी कौन है, ये जानने का मौका मिला और इस वजह से आज मैं यहां (आप की अदालत में)  हूं ।“

जीवन में तीन बड़े ब्रेक मिले

यह पूछे जाने पर कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते नरेंद्र मोदी से उन्हें क्या मदद मिली, गौतम अडानी ने कहा – “मेरे जीवन में तीन बड़े ब्रेक मिले। पहला ब्रेक मिला 1985 में जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे और नयी आयात-निर्यात नीति आई,  हमारी कंपनी एक ग्लोबल ट्रेडिंग हाउस बनी। दूसरा ब्रेक 1991 में मिला, जब पी. वी. नरसिम्हा राव और डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार के समय हम पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप कर सके। इससे देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर को नयी दिशा मिली। मोदी जब 12 साल मुख्यमंत्री थे, उस समय एक अच्छा अनुभव रहा, लेकिन मैं ये बताना चाहता हूं कि मोदीजी से आप कोई व्यक्तिगत सहायता नहीं ले सकते। आप उनसे नीति विषयक बात कर सकते हैं, आप देश के हित में चर्चा कर सकते हैं, जो नीति बनती है, वह सबके लिये होती है, वो अकेले अडानी ग्रुप के लिये नहीं बनती। “

अडानी ने अपने ग्रुप को मिले बैंक कर्ज़, इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, मुंद्रा पोर्ट में हजारों करोड़ के नशीले पदार्थों की बरामदगी, और कृषि कानूनों के बारे में विस्तार से बातें की।

 कोई भी चीज़ बिना बिडिंग के हम टच नहीं करते

राहुल गांधी के इस आरोप पर कि अडानी ग्रुप को सबसे ज्यादा पोर्ट, एयरपोर्ट, और अन्य इन्फ्रा प्रोजेक्ट मिले हैं, अडानी ने कहा – “जब लोग आरोप लगाते हैं, तो वो ये बताएं कि हमने एक भी काम बगैर बिडिंग (बोली) के किया हो। हम बिडिंग के बिना, मैरिट के बिना, कभी उस बिज़नेस में प्रवेश नहीं करते। हमको भी मालूम है भारत में उस तरह का काम करने में विवाद ज्यादा होता है। अडानी ग्रुप का ये दर्शन रहा है कि कोई भी चीज़ बिना बिडिंग के हम टच नहीं करते। चाहे पोर्ट्स हो, एयरपोर्ट्स हो, रोड़ हो, बिजलीघर हो, एक भी बिजनेस हमने बगैर बिडिंग के काम नहीं किया। हमारे ऊपर एक भी आरोप नहीं है कि हमने बिडिंग को मैनेज किया हो। हमारे ऊपर वो आक्षेप राहुल जी ने भी नहीं डाला है कि बिडिंग प्रक्रिया में कोई गडबड़ी थी। “

आरोप पूरी तरह बेबुनियाद 

राहुल गांधी के इस आरोप पर कि अडानी ग्रुप को बैंकों से जनता की गाढ़ी कमाई से 2 लाख करोड रु. बतौर कर्ज दिये गये, गौतम अडानी ने कहा –“ कोई भी इन्फ्रा प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले हम इक्विटी लगाते हैं, बैंक से कर्ज लेते हैं। इसमें 40:60 परसेंट का अनुपात रहता है। अडानी ग्रुप भारत में अकेला ग्रुप है, जिसकी कंपनियों की साख भारत की sovereign rating के बराबर है। वो रेटिंग कोई राजनीतिक दल या बैंक नहीं देती, उसे स्वतंत्र रेटिंग एजेंसी पूरा वित्तीय आकलन करने के बाद देती है। और उसी के आधार पर बैंक कर्ज़ देते हैं। 25 साल के इतिहास में एक दिन भी हमने कभी भुगतान में देरी नहीं की।... 2013 के बाद हम 80 प्रतिशत कर्ज भारतीय बैंकों से लेते थे, उस पर ब्याज 35 प्रतिशत तक हो गया। हम अन्तरराष्ट्रीय बाजार में ग्लोबल रेटिंग की तरफ चले गये।  ग्लोबल के अन्दर भारत के किसी के कहने से कोई पैसा नहीं देता, वो तो अपनी रोटिंग और गवर्नेन्स के हिसाब से देते हैं।  इसीलिये ये आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं। राजनीतिक दल बोलने के लिये बोलते हें, लेकिन ये तो लेनदार और देनदार के बीच का मामला है, इन दोनों के बीच कभी तकलीफ नहीं हुई। ...पिछले 7-8 साल के अंदर हमारे कर्ज में 11 प्रतिशत की बढोत्तरी हुई और हमारी आमदनी 24 प्रतिशत बढ़ी। हमारी मुनाफे वाली स्थिति (प्रॉफिटेबिलिटी) के कारण ही हमारी रेटिंग में सुधार आया। आज हमारी प्रॉफिटेबिलिटी हमारे कर्ज़ से भी ज्यादा बढ़ गई है”।

भारत जब तक आगे बढ़ता रहेगा, ये गुब्बारा आगे चलता रहेगा

रजत शर्मा के इस सवाल पर कि “अगर कभी अडानी का गुब्बारा फटा, तो सारे बैंक बरबाद हो जाएंगे”, अडानी ने कहा – “यह कुछ आलोचकों की इच्छा हो सकती है। मैं आपको बताऊं कि अडानी की सारी संपत्ति उसके कर्ज़ से 3 या 4 गुना ज्यादा है।  किसी का पैसा अनसिक्योर्ड (जोखिम में) नहीं है।  रजत शर्मा ने पूछा – “अगर गुब्बारा कभी फटा तो..”, अडानी ने जवाब दिया – “भारत जब तक आगे बढ़ता रहेगा, ये गुब्बारा आगे चलता रहेगा।“

राहुल गांधी के इस आरोप पर कि गुजरात के मुंद्रा पोर्ट में 2021 में 20 हजार करोड़ रु. के नशीले पदार्थ पकड़े जाने, मई 2022 में 5,000 करोड रु. के नशीले पदार्थ जब्त होने, और जुलाई 2022 में 375 करोड़ रु. के नशीले पदार्थ पकड़े जाने के बावजूद केन्द्र ने अडानी ग्रुप के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, गौतम अडानी ने कहा –“ पोर्ट ऑपरेटर का काम सिर्फ सामान चढाना और उतारना है। उसके पास कोई पुलिस या जांच या गिरफ्तारी का अधिकार नहीं है। ये काम सरकार की अलग-अलग एजेंसियां करती है. ..ये तो लोगों को गुमराह करने वाली बात है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ हमारे पोर्ट से स्मगलिंग का सामान आता है, एयरपोर्ट से भी आते हैं। जो भी जांच होती है वो पूरी होती है, पूरी पूछताछ होती है, ऐसा नहीं है कि सरकारी स्तर पर कोई पूछताछ से बच निकलता है। मैं नहीं मानता कि अडानी ग्रुप को कोई स्पेशल ट्रीटमेंट दिया गया। “

कांग्रेस के नारे “आम आदमी बेहाल, अडानी मालामाल” पर गौतम अडानी ने कहा, -“ political narrative आप कुछ भी निकालो, एक है राजनीतिक बयानबाजी, और दूसरा है सचमुच में असली आरोप। जनता तय करे कि हम जो काम कर रहे हैं उसमें आखिर कितनी सच्चाई है। “

आज हम 22 राज्यों में काम कर रहे हैं 

कांग्रेस-शासित राजस्थान में अडानी ग्रुप द्वारा 68,000 करोड रु. के निवेश के बारे में गौतम अडानी ने कहा – “पूंजीनिवेश तो हमारे ग्रुप का साधारण कार्यक्रम है।अशोक गहलोत जी ने राजस्थान इनवेस्टर्स कार्यक्रम में मुझे बुलाया था। खुद राहुल जी ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स में हमारे पूंजीनिवेश की सराहना की है। मैं मानता हूं कि राहुल जी के ऐसी कोई नीतियां नहीं है जो विकास के खिलाफ हो। हमारा तो मकसद रहेगा कि हर राज्य में जहां-जहां संभव हो, वहां अधिकतम निवेश करें। अडानी ग्रुप को इस बात की खुशी है कि आज हम 22 राज्यों में काम कर रहे हैं और सब राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं है। हम तो केरल में वाम मोर्चा सरकार के साथ भी काम कर रहे हैं , बंगाल में ममता दीदी के साथ भी काम कर रहे हैं, नवीन पटनायक जी के साथ भी काम कर रहे हैं, जगनमोहन रेड्डी , केसीआर..हर जगह जहां क्षेत्रीय पार्टियों की सरकारें हैं, काम कर रहे हैं। मैं आज दावे के साथ कह सकता हूं कि इनमें से किसी भी सरकार से हमें कोई तकलीफ नहीं हुई।"

रजत शर्मा के इस सवाल पर कि विपक्षी दल क्यों कहते हैं कि नरेंद्र मोदी अडानी के चौकीदार हैं, गौतम अडानी ने कहा – “बहुत कम लोग ऐसी बात कहते हैं. जिनको मोदीजी से परेशानी है, या वैचारिक मारामारी है, वो कहते होंगे। पर मेरा अनुभव है कि ज्यादा से ज्यादा लोग मोदीजी को चाहते हैं और अडानी के विकास के मॉडल में उनको कोई बाधा नहीं दिखाई देती। “

मैं मानता हूं कृषि कानून अच्छा था

कृषि कानूनों को वापस लिये जाने के कदम को दुर्भाग्यजनक बताते हुए गौतम अडानी ने कहा –“ कृषि क्षेत्र में हमारे ग्रुप का बहुत limited exposure है, हमने भारतीय खाद्य निगम के लिए कुछ वेयरहाउस बनाये थे, उस वेयरहाउस में रखे गेहूं को अडानी ग्रुप ने कभी नहीं खरीदा। हमने तो सिर्फ इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया। ..भारत के एक नागरिक के नाते  मैं मानता हूं कि कृषि कानून अच्छा था, ये कमनसीबी (दुर्भाग्यपूर्ण) है कि उसको राजनीतिक रंग देकर खारिज कर दिया गया। आज देश में 40 से 50 प्रतिशत लोग प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कृषि पर आधारित हैं। आज भारत में इतनी ताकत है कि वह पूरी दुनिया को अनाज की सप्लाई कर सकता है। लेकिन सबसे बड़ी समस्या है इन्फ्रस्ट्रक्चर की कमी का, रेलवे से सामान नहीं पहुंच रहे, कोल्ड स्टोरेज नहीं है, वेयरहाउस नहीं है, उपभोक्ता ज्यादा दाम दे रहे हैं और किसानों को पूरी कीमत नहीं मिलती। ये अडानी ग्रुप के फायदे का सवाल नहीं है।ये देश की जनता के लिये जरूरी है।”

आने वाले समय में भारत को कोई रोक नहीं सकता

विश्व के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी भारत के भविष्य के बारे में काफी आशान्वित हैं। अडानी ने कहा – “देश काफी तरक्की कर रहा है। भारत को 1 ट्रिलियन डालर वाली अर्थव्यवस्था बनने में 58 साल लगे, 2 ट्रिलियन डालर तक पहुंचने में 12 साल और लगे, 3 ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था पिछले 5 साल के अन्दर बनी। जिस तरह से हमारे युवाओं की आकांक्षाएं बढ़ रही है, भारत इस वक्त विश्व मे ऐसी स्थिति में है कि सन 2050 तक 30 ट्रिलियन डॉलर  वाली अर्थव्यवस्था से भी आगे बढ़ जाएगी। इससे प्रति व्यक्ति आय बढेगी, विकास से रोज़गार के अवसर पैदा होंगे।आने वाले समय में भारत को कोई रोक नहीं सकता। “

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