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Hindi News भारत राष्ट्रीय यूपी और कर्नाटक में छापेमारी पर आया आयकर विभाग का बयान, जानें कहां क्या मिला

यूपी और कर्नाटक में छापेमारी पर आया आयकर विभाग का बयान, जानें कहां क्या मिला

छापेमारी में इनकम टैक्स की टीम ने तमाम महत्वपूर्ण दस्तावेज, हार्ड कॉपी डॉक्युमेंट्स, डिजिटल डाटा रिकवर करके जब्त किया था।

Income Tax Department, Income Tax Department Raid, IT Department Raid Uttar Pradesh- India TV Hindi Image Source : PTI REPRESENTATIONAL उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में इनकम टैक्स की हुई छापेमारी में इनकम टैक्स विभाग का आधिकारिक बयान सामने आ गया है।

Highlights

  • आयकर विभाग ने 30 जगहों पर छापेमारी की थी जिसमें लखनऊ, मैनपुरी, मऊ, कोलकाता, बेंगलुरु और NCR शामिल था।
  • छापेमारी में आयकर विभाग ने महत्वपूर्ण दस्तावेज, हार्ड कॉपी डॉक्युमेंट्स, डिजिटल डाटा रिकवर करके जब्त किया था।
  • एक शख्स ने कबूल किया है कि उसकी अघोषित आय 68 करोड़ रुपये है और अब वह टैक्स देने की बात कह रहा है।

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में इनकम टैक्स की हुई छापेमारी में इनकम टैक्स विभाग का आधिकारिक बयान सामने आ गया है। इनकम टैक्स विभाग ने 18 दिसंबर को सिविल कंस्ट्रक्शन, रियल स्टेट और एजुकेशनल संस्थान चलाने वाले कई लोगों के घर और दफ्तरों पर छापेमारी की थी। कोलकाता का एक एंट्री ऑपरेटर के यहां भी छापेमारी की गई थी। कुल मिलाकर 30 जगहों पर ये छापेमारी हुई थी जिसमें लखनऊ, मैनपुरी, मऊ, कोलकाता, बेंगलुरू और NCR शामिल था।

बता दें कि आयकर विभाग ने 18 दिसंबर को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजीव राय, अखिलेश के OSD रहे नीटू यादव और करीबी राहुल भसीन समेत तमाम जगहों पर बेनामी संपति और शेल कंपनियों के जरिए टैक्स चोरी के आरोप पर छापेमारी की थी। इसके बाद अखिलेश यादव ने इसे सरकार की बदले की कार्यवाही बताया था।

छापेमारी में इनकम टैक्स की टीम ने तमाम महत्वपूर्ण दस्तावेज, हार्ड कॉपी डॉक्युमेंट्स, डिजिटल डाटा रिकवर करके जब्त किया था, इन दस्तावेजों से टैक्स चोरी के तमाम सबूत मिले है। सिविल कंस्ट्रक्शन में शामिल आरोपी बोगस खर्चे दिखाकर करोड़ो रुपये के खर्चे दिखा रहे थे। आरोपियों के पास से ब्लैंक बिल बुक, स्टैंप्स, बोगस सप्लायर्स के साइन हुए चेक बुक मिले थे इन सभी को जब्त किया गया है। एक कंपनी से 86 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता लगा है।

इसके अलावा एक शख्स ने कबूल किया है कि उसकी अघोषित आय 68 करोड़ रुपये है और अब वह टैक्स देने की बात कह रहा है। पिछले कुछ सालों में कमाए गए 150 करोड़ रुपये की आय को घोषित नहीं किया गया था। अघोषित आय और इन्वेस्टमेंट को शेल कंपनियों द्वारा खर्चे में दिखाया जा रहा था। करीब 12 करोड़ रुपये की इन्वेस्टमेंट का पता लगा है जिसे आरोपी एक्सप्लेन नहीं कर पाए। इसके अलावा एक और शख्स की शेल कंपनियों में 11 करोड़ रुपये की इन्वेस्टमेंट और बेनामी संपतियों में साढ़े 3 करोड़ रुपये की इन्वेस्टमेंट सामने आई है।

वहीं, कोलकाता बेस्ड एक एंटी ऑपरेटर के यहां रेड्स की गई जो शेल कंपनियों की एंट्री करता था, इसने कई शेल कंपनिया बनाई और फर्जी कैपिटल इनकम लगभग 408 करोड़ रुपये दिखाकर इसके जरिए 154 करोड़ रुपये का लोन दिखाया। डिजिटल एंट्री और इसके अलावा हवाला ट्रांजैक्शन भी सामने आया है इन सभी एंट्री और कागजात को जब्त किया गया है। एंट्री ऑपरेटर ने ये सभी मॉडस को कबूला है और इसके बदले में कमीशन के तौर पर 5 करोड़ रुपये लेने के बारे में भी कबूल किया है। इनकम टैक्स विभाग पूरे मामले की जांच में अभी भी लगा हुआ है।

इसके अलावा छापेमारी कार्रवाई में शामिल एक बेंगलुरु स्थित ट्रस्ट और उससे संबंधित संस्थाओं के संबंध में, यह पता चला है कि ट्रस्ट फंड की पर्याप्त मात्रा में  ट्रस्टियों के व्यक्तिगत लाभ के लिए, गैर-भरोसेमंद उद्देश्यों के लिए, दान की आड़ में, कुछ केरल आधारित संस्थाओं को, जिनमें मरकज़ु सक्फ़ाथी सुन्निया ट्रस्ट और मरकज़ नॉलेज सिटी ट्रस्ट, खाड़ी देशों से जुड़े हैं, को 80 लाख हस्तांतरित किए गए हैं।

यह प्रथम दृष्टया छूट के दावे के साथ-साथ फेमा प्रावधानों के लिए आयकर अधिनियम, 1961 के तहत ट्रस्टों के पंजीकरण से संबंधित प्रासंगिक प्रावधानों के उल्लंघन का संकेत देता है। नकद में 10 करोड़, और रुपये से अधिक का खर्च। ट्रस्ट के खाते से पिछले 3 वर्षों में ट्रस्टियों के व्यक्तिगत लाभ के लिए किए गए 4.8 करोड़ रुपये भी एकत्र किए गए हैं। तलाशी अभियान में 1.12 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई है।

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