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India America: चीन सीमा के नजदीक युद्धाभ्यास करेंगे भारत और अमेरिका, यह है योजना

India America: भारत अमेरिका के साथ चीन सीमा के पास एक संयुक्त सैन्य अभ्यास की तैयारी कर रहा है। ये सैन्य अभ्यास अक्टूबर के मध्य में उत्तराखंड के औली में 10,000 फीट की ऊंचाई पर आयोजित किया जाएगा। जिसमें ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में युद्ध के प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

Warfare exercise- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Warfare exercise

Highlights

  • 2020 में गलवान घाटी में दोनों सेनाओं की हुई थी भिडंत
  • उत्तराखंड के औली में होगा यह युद्धाभ्यास
  • ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में युद्ध के प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा

India America: पिछले 2 सालों से चीन भारत से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर आक्रामक गतिविधि की रणनीति अपना रहा है। जिसके बाद अब चीन की आक्रामक गतिविधियों का जवाब देने के लिए भारत ने भी तैयारी कर ली है। भारत अमेरिका के साथ चीन सीमा के पास एक संयुक्त सैन्य अभ्यास की तैयारी कर रहा है। ये सैन्य अभ्यास अक्टूबर के मध्य में उत्तराखंड के औली में 10,000 फीट की ऊंचाई पर आयोजित किया जाएगा। जिसमें ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में युद्ध के प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। आपको बता दें कि औली उत्तराखंड में स्थित है और चीन की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से लगभग 95 किलोमीटर दूर है, जो एक दुर्गम जगह है।

संयुक्त अभ्यास का 18 वां संस्करण

मीडिया में आई एक खबर के अनुसार, दोनों देशों का ये सैन्य अभ्यास एक वार्षिक संयुक्त अभ्यास के 18वें संस्करण के हिस्से के रूप में होगा। गौरतलब है कि जून 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में चीन सैनिकों और भारत के सैनिकों के बीच हुए खूनी संघर्ष के बाद से भारत और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। गलवान की झड़प में कम से कम 20 भारतीय सैनिक और चार चीनी सैनिकों की मौत होने की खबर सामने आई थी। चीन के हाल ही में सीमा पर स्थित पैंगोंग त्सो झील के पार एक पुल का निर्माण करने से भी तनाव और बढ़ गया है।

इस युद्ध अभ्यास से मिलेगी मदद - अमेरिका 

इसी साल भारत की यात्रा के दौरान अमेरिकी सेना के पैसिफिक कमांडिंग जनरल चार्ल्स फ्लिन ने विवादित सीमा के पास चीन के सैन्य जमावड़े को ‘खतरनाक’ बताया था। इस संयुक्त अभ्यास के बारे में पूछे जाने पर अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि भारत के साथ साझेदारी ‘एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए हमारे साझा दृष्टिकोण के सबसे महत्वपूर्ण तत्वों में से एक है।’ प्रवक्ता ने कहा कि इस व्यापक प्रयास के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में संयुक्त सैन्य अभ्यास और प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं। ये युद्ध अभ्यास एक ऐसा वार्षिक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास है, जिसे दोनों पक्षों की सेनाओं की क्षमता में सुधार और क्षेत्रीय सुरक्षा की चुनौतियों की एक लंबी सीरिज से निपटने के लिए डिजाइन किया गया है।

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