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Hindi News भारत राष्ट्रीय Indian Navy: नौवहन महानिदेशालय और नेवी के बीच समझौता, रिटायर्ड नौसैनिकों को होगा फायदा

Indian Navy: नौवहन महानिदेशालय और नेवी के बीच समझौता, रिटायर्ड नौसैनिकों को होगा फायदा

Indian Navy: रिटायर हुए भारतीय नौसैनिकों के लिए इंडियन नेवी ने नौवहन महानिदेशालय के साथ एक MOU साइन किया है। इससे रिटायर नौसैनिक मर्चेंट नेवी में कुछ जरूरी प्रमाण देकर आसानी से प्रवेश कर सकेंगे।

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Highlights

  • योजनाओं को भारतीय नौसेना के साथ गहन चर्चा के बाद तैयार किया गया
  • IMO के प्रशिक्षण प्रमाणन और निगरानी सम्मेलन के मानदंडों के मुताबिक योजनएं
  • योजना के तहत मर्चेंट नेवी में आसानी से जा सकेंगे भूतपूर्व नौसैनिक

Indian Navy: भारतीय नौसेना से रिटायर होने वाले नौसैनिकों को लाभ पहुंचाने और उन्हें व्यापारिक जहाजों पर काम करने के लिए नौवहन महानिदेशालय और नौसेना के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसकी जानकरी एक आधिकारिक बयान में दी गई। बयान में आगे कहा गया है कि पोर्ट, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत नौवहन महानिदेशालय ने नौसैनिकों के लिए मर्चेंट नेवी में 16 योजनाओं के बारे में बताते हुए एक आदेश दिया है। इन योजनाओं को भारतीय नौसेना के साथ गहन चर्चा के बाद तैयार किया गया है। 

अग्निपथ योजना के खिलाफ हो रहे विरोध के बीच हुई इसकी घोषणा

आपको बता दें कि यह घोषणा सेना में भर्ती के लिए हाल में शुरू की गई अग्निपथ योजना के खिलाफ हो रहे विरोध के बीच हुई है। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले सैनिकों को अग्निवीर कहा जाएगा। बयान में कहा गया, ‘‘ये योजनाएं अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) के प्रशिक्षण प्रमाणन और निगरानी सम्मेलन के मानदंडों के मुताबिक हैं। ये व्यापारिक जहाजों पर काम करने के लिए जरूरी प्रमाण लेकर रिटायर नौसैनिकों के मर्चेंट नेवी में आसानी से प्रवेश को सक्षम बनाती हैं।’’ 

एनसीवी जहाज से लेकर विदेश के जहाजों में नौकरी तक के लिए होंगे विकल्प 

बयान के मुताबिक, ये योजनाएं नौसैन्य जहाजों पर इंजन रूम के काम में शामिल लोगों की जरूरत को पूरा करती हैं। इसके तहत इंजीनियर के अलावा विभिन्न भूमिकाओं समेत यांत्रिक इंजन, इलेक्ट्रिकल संबंधी ड्यूटी के लिए भी तैनाती की जा सकती है। बयान में आगे कहा गया है कि यह योजना भारतीय नौसेना के कर्मियों को एनसीवी जहाज से लेकर विदेश के जहाजों में नौकरी तक के लिए प्रमाणपत्र देकर कई विकल्प देती है। इस योजना में भारतीय नौसेना द्वारा अपने अधिकारियों को दी गई ट्रेनिंग और रेटिंग तथा जारी प्रमाण पत्र के आधार पर समुद्री सेवा के अनुभव को मान्यता देने का प्रावधान किया गया है। 

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