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Hindi News भारत राष्ट्रीय Jharkhand News: अदालत के फैसले से खत्म हो जाएगा 'डायन हत्या' का श्राप, अब तक इतनों को बनाया जा चुका है शिकार

Jharkhand News: अदालत के फैसले से खत्म हो जाएगा 'डायन हत्या' का श्राप, अब तक इतनों को बनाया जा चुका है शिकार

Jharkhand News: झारखंड में इन दिनों इस तरह की कई घटनाएं सामने आई हैं, जब किसी महिला को डायन बता कर उसकी सरेआम हत्या कर दी जा रही है। लेकिन कल झारखंड की ही एक जिला अदालत ने इस पर बड़ा फैसला किया है।

witch killing- India TV Hindi Image Source : INDIA TV witch killing

Highlights

  • अदालत के फैसले से खत्म हो जाएगा 'डायन हत्या' का श्राप
  • अब तक इतनों को बनाया जा चुका है शिकार
  • हर साल औसतन होती हैं 35 हत्याएं

Jharkhand News: झारखंड में इन दिनों इस तरह की कई घटनाएं सामने आई हैं, जब किसी महिला को डायन बता कर उसकी सरेआम हत्या कर दी जा रही है। लेकिन कल झारखंड की ही एक जिला अदालत ने इस पर बड़ा फैसला देते हुए इस तरह की हत्या करने वालों को एक सबक देने की कोशिश की है। दरअसल, झारखंड के गुलमा में दो महिलाओं की डायन बताकर हत्या करने के जुर्म में 19 महिलाओं को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश-1 दुर्गेशचंद्र अवस्थी ने बुधवार को 19 महिलाओं को दोषी करार देते हुए सभी को उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने सभी दोषी महिलाओं पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। गुमला में 11 जून 2013 को दो महिलाओं की डायन-बिसाही के आरोप में हत्या कर दी गई थी। 

हर साल औसतन 35 हत्याएं

झारखंड पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि बीते सात साल से राज्य में हर वर्ष औसतन 35 महिलाओं की हत्या डायन बताकर कर दी जाती है। जबकि, अनुसंधान विभाग (CID) के आंकड़ों के अनुसार, साल 2015 में डायन बताकर 46 महिलाओं की हत्या हुई। वहीं, साल 2016 में 39 महिलाओं की डायन बता कर हत्या कर दी गई। जबकि, 2017 में 42, 2018 में 25, 2019 में 27 और 2020 में 28 महिलाओं की डायन बता कर हत्या कर दी गई। 2021 के आंकड़े अभी पूरी तरह से साफ नहीं हुए हैं, लेकिन फिर भी खबरों को खंगालने पर ऐसी 24 हत्याएं दर्ज हुई हैं। साल 2022 में भी इस तरह के कई मामले अब तक सामने आ चुके हैं जिनमें महिलाओं को डायन बता कर उनकी हत्या कर दी गई।

कानून के बाद भी नहीं थम रही घटनाएं

डायन के नाम पर प्रताड़ना और हत्या की घटनाओं के रोकथाम के लिए साल 2001 में डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम बनाया गया था। लेकिन झारखंड में डायन प्रताड़ना और हिंसा के बढ़ते मामले बताते हैं कि कानून की नए सिरे से समीक्षा की जरूरत है। सबसे बड़ी बात की इस तरह की हत्या में सजा के नियमों को और कठोर बनाए जाने के साथ-साथ फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाकर ऐसे मामलों में जल्द फैसला सुनाए जाने की भी जरूरत है। हालांकि, इस तरह के मामलों में रोक लाने के लिए सबसे पहले हमें सामाजिक स्तर पर जागरुकता अभियान को और तेज करने की जरूरत है।

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