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Hindi News भारत राष्ट्रीय 'भारत को इस्लामिक देश बनने से रोकना है तो अधिक बच्चे पैदा करें हिंदू', धर्म संसद में वि​वादित महंत यति नरसिंहानंद का बयान

'भारत को इस्लामिक देश बनने से रोकना है तो अधिक बच्चे पैदा करें हिंदू', धर्म संसद में वि​वादित महंत यति नरसिंहानंद का बयान

विवादित महंत यति नरसिंहानंद के एक संगठन ने रविवार को भारत को इस्लामिक देश बनने से बचाने के लिए हिंदुओं से अधिक बच्चों को जन्म देने का आह्वान किया। 

Yati Narsinghanand- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Yati Narsinghanand

शिमला। विवादित महंत यति नरसिंहानंद के एक संगठन ने रविवार को भारत को इस्लामिक देश बनने से बचाने के लिए हिंदुओं से अधिक बच्चों को जन्म देने का आह्वान किया। अखिल भारतीय संत परिषद की तीन दिवसीय धर्म संसद रविवार को ऊना जिले के मुबारिकपुर में शुरू हुई। इसकी अध्यक्षता यति नरसिंहानंद सरस्वती ने की। आयोजन में देश के विभिन्न हिस्सों से संत पहुंचे हैं।

हरिद्वार में घृणा भाषण मामले में जमानत पर बाहर आए महंत ने इस महीने मथुरा में हिंदुओं से देश को आगामी दशकों में ‘हिंदू-विहीन’ बनने से रोकने के लिए अधिक बच्चों को जन्म देने का अनुरोध किया था। अखिल भारतीय संत परिषद के हिमाचल प्रदेश के प्रभारी यति सत्यदेवानंद सरस्वती ने बताया कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, क्योंकि यह हिंदू बहुल है। 

उन्होंने हिमाचल प्रदेश में ऊना जिले के मुबारकपुर में संगठन की तीन दिवसीय ‘धर्म संसद’ के पहले दिन दावा किया कि मुसलमान नियोजित तरीके से कई बच्चों को जन्म देकर अपनी आबादी बढ़ा रहे हैं। सरस्वती ने कहा, ‘इसलिए हमारे संगठन ने भारत को इस्लामिक देश बनने से रोकने के लिए हिंदुओं से अधिक बच्चों को जन्म देने के लिए कहा है।’

गौरतलब है कि जिला ऊना के कस्बा मुबारिकपुर में अखिल भारतीय संत परिषद की तीन दिवसीय धर्म संसद का रविवार को शुभारंभ हुआ। धर्म संसद की अध्यक्षता यति नरसिंहानंद सरस्वती खुद कर रहे हैं। उन्हीं के शिष्य यति सत्देवानन्द सरस्वती द्वारा इस धर्म संसद का आयोजन किया है। सनातन धर्म के संरक्षण और हिंदू समाज के विभिन्न धार्मिक पर्वों के सुरक्षित आयोजन के चिंतन मनन को लेकर संत समाज के साथ-साथ हिंदू संगठनों के प्रचार को और अन्य लोगों द्वारा यह धर्म संसद बुलाई गई है।

संत समाज का कहना है कि वर्तमान परिदृश्य में हिंदू अपने ही देश में असुरक्षित हो चुके हैं। परिस्थिति यह है कि चाहे कोई भी राजनीतिक दल हो वह राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते हिंदू हितों को कुचलने में कोई कमी नहीं रख रहा, जिससे हिंदू संस्कृति का लगातार पतन जारी है।

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