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Hindi News भारत राष्ट्रीय मणिपुर में फिर हुआ कत्लेआम, जंगल में लकड़ी बीनने गए चार लोगों की हत्या; राज्य में हिंसा भड़कने के आसार

मणिपुर में फिर हुआ कत्लेआम, जंगल में लकड़ी बीनने गए चार लोगों की हत्या; राज्य में हिंसा भड़कने के आसार

ग्रामीणों ने विभिन्न कुकी संगठनों द्वारा संचालित सोशल मीडिया नेटवर्क पर शवों को देखा और पुलिस को इसकी जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने शवों को बरामद किया।

मणिपुर हिंसा - India TV Hindi Image Source : सांकेतिक तस्वीर मणिपुर हिंसा

इंफाल: पिछले कई महीनों से मणिपुर में चली आ रही हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। यहां सैकड़ों लोगों की हत्याएं हो चुकी हैं। राज्य सरकार यहां स्थिति काबू में होने का दावा तो कर रही है लेकिन सच्चाई कुछ और ही नजर आ रही है। अभी भी कई इलाकों में भीषण हिंसा हो रही है। दोनों समुदाय के लोग दूसरे समुदाय के लोगों की हत्या कर रहे हैं। वहीं अब प्रदेश के चुराचांदपुर जिले में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने एक पिता और उसके बेटे सहित चार ग्रामीणों की हत्या कर दी है।

चार लोगों की हुई हत्या 

इंफाल में एक पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को कहा, ''बिष्णुपुर जिले के अकासोई गांव के चार ग्रामीण बुधवार को चुराचांदपुर जिले के नजदीकी जंगली इलाकों में लकड़ी इकट्ठा करने गए थे। इसी दौरान कुकी उग्रवादियों ने उनका अपहरण कर लिया और फिर उनकी हत्या कर दी।'' मृतकों के शव गुरुवार को पुलिस टीम ने बिष्णुपुर जिले के कुंबी से बरामद किए। मृतकों की पहचान इबोम्चा सिंह (51) और उनके बेटे आनंद सिंह (20), रोमेन सिंह (38) और दारा सिंह (37) के रूप में हुई है।

साल की शुरुआत में भी हुई थी हत्या 

वहीं इसी महीने की शुरुआत में भी थौबल जिले में तीन लोगों की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और 5 अन्य घायल हो गए थे। इसके बाद राज्य के पांच जिलों में फिर कर्फ्यू लागू कर दिया गया था। इस घटना के बाद थौबल, इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर जिलों में फिर कर्फ्यू लागू कर दिया गया था।

कुकी और मैतेई समुदायों में भड़की थी हिंसा

बता दें कि मणिपुर में इंफाल घाटी में रहने वाले बहुसंख्यक मेइती और पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले कुकी समुदायों के बीच मई में जातीय हिंसा भड़क गई थी। उसके बाद से मणिपुर में लगातार हत्याओं की खबरें सामने आई हैं। 

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