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Hindi News भारत राष्ट्रीय मेटावर्स आने से कितनी बदलेगी आम लोगों की जिंदगी? फेसबुक का भविष्य बनेगा Metaverse!

मेटावर्स आने से कितनी बदलेगी आम लोगों की जिंदगी? फेसबुक का भविष्य बनेगा Metaverse!

वास्तविक दुनिया से वर्चुअल दुनिया में एंट्री दिलाने वाले इस मेटावर्स पर आज हम आपके सवालों के जवाब देने जा रहे हैं। जरा सोचिए आप एक कमरे में बैठें हैं और डिजिटल अवतार मेटावर्स के सहारे आप किसी दूसरी जगह पर मौजूद अपने दोस्त/परिवार से मिल रहे हैं।

Metaverse will be the future of Facebook!- India TV Hindi Image Source : AP मार्क जकरबर्ग ने अक्टूबर महीने में  फेसबुक का नाम बदलने की घोषणा की।

Highlights

  • मेटावर्स को लेकर एक टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट एनालिस्ट विक्टोरिया पेट्रॉक कहती हैं कि ये संपर्क की अलगी क्रांति है।
  • इस नई तकनीक के जरिए आप वर्चुअल मीटिंग कर पाएंगे, ऑनलाइन घुमने जा सकेंगे।
  • मेटावर्स को लेकर तकनीकी बाजार में खबरें हैं कि फेसबुक इस पर अपना भविष्य दांव पर लगा सकता है।

मार्क जकरबर्ग ने अक्टूबर महीने में  फेसबुक का नाम बदलने की घोषणा के साथ ही  मेटावर्स (Metaverse) नाम का ज्रिक किया था। उन्होंने कहा था कि उनकी कंपनी एक अलग तरीके की दुनिया बनाने पर काम करेगी। इसके लिए कंपनी अरबों डॉलर निवेश करेगी। जकरबर्ग के मेटावर्स शब्द का इस्तेमाल करने के बाद से ही लोगों के मन में सवाल उठने लगे कि आखिर जो दुनिया जकरबर्ग बनाना चाहते हैं वह कैसी होगी ?। वह आम जिंदगी का अहम हिस्सा होगी या इससे दुनिया के तौर तरीके ही बदल जाएंगे। इसके अलावा लोग यह भी जानना चाहते हैं कि मेटावर्स आखिरकार काम कैसे करेगा।

वास्तविक दुनिया से वर्चुअल दुनिया में एंट्री दिलाने वाले इस मेटावर्स पर आज हम आपके सवालों के जवाब देने जा रहे हैं। जरा सोचिए आप एक कमरे में बैठें हैं और डिजिटल अवतार मेटावर्स के सहारे आप किसी दूसरी जगह पर मौजूद अपने दोस्त/परिवार से मिल रहे हैं और यह मिलना बिलकुल वास्तविक जैसा लग रहा हो तो कैसा होगा?  ऐसी ही दुनिया मेटावर्स के जरिए तैयार होगी।

क्या कहते हैं मेटावर्स पर टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट?
मेटावर्स को लेकर एक टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट एनालिस्ट विक्टोरिया पेट्रॉक कहती हैं कि ये संपर्क की अलगी क्रांति है। जिसमें लोग वैसे की वर्चुअल जिंदगी जीएंगे जैसे कि फिजिकली जीते आएं हैं।  वर्चुअल अवतारों की दुनिया बनाने वालों में से एक एफी बार जीव के मुताबिक, ये फिल्मों में दिखाई जाने वाली दुनिया की तरह नहीं होगी,  जिसमें आप कुछ खास चीज पहनकर मेटावर्स में पहुंचेंगे। आप मेटावर्स के सहारे दुनिया में कहीं भी घुमने जा सकते हैं। ऐसे में आपके आसपास का नजारा बदलेगा, लेकिन ये टेलीपोर्ट नहीं होगा। कहने का मतलब है कि आप असल दुनिया में रहते हुए भी ऑनलाइन दुनिया में आ जा सकेंगे।

मेटावर्स में आप क्या-क्या कर सकेंगे?
इस नई तकनीक के जरिए आप वर्चुअल मीटिंग कर पाएंगे। ऑनलाइन घुमने जा सकेंगे, डिजिटल कपड़े ट्राई करने के साथ ही उन्हें खरीद भी पाएंगे। हालांकि कोरोना महामारी के बाद चलन में आया वर्क फ्रॉम होम तो इस तकनीक में सामान्य सी बात होगी। ये सभी काम आपकी जिंदगी में वर्चुअल तरीके से पूरे होंगे। इसके आने के बाद लोग अपने घर के आधार पर वर्चुअल स्पेस में घर बनाएंगे।

मेटावर्स की आसान परिभाषा
मेटावर्स को आसान भाषा में आप इस तरीके से समझ सकते हैं कि लोग मोबाइल डिवाइसों के ज़रिए ऐसी ऑनलाइन दुनिया को ऐक्सेस करेंगे जो असल दुनिया, वर्चुअल दुनिया और ऑग्मेन्टेड रिएलिटी के मिश्रण से बनी है। इसे ही मेटावर्स कहा गया है।

मेटावर्स के नुकसान
ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर साइंस विभाग में एसोसिएट प्रोफ़ेसर मैक्स वैन क्लीक मेटावर्स के इस्तेमाल को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहते हैं कि मेटावर्स के डेटा पर कंट्रोल अगर यूजर्स का न होकर कंपनी का होगा तो यह बड़ी मुश्किले पैदा कर सकता है। उन्होंने कहा कि जिन इंजीनियरों ने इंटरनेट बनाया उनका भी मानना था कि इस पर किसी एक का नियंत्रण नहीं होना चाहिए.

फेसबुक कर सकती है 10 अरब डॉलर का निवेश
मेटावर्स को लेकर तकनीकी बाजार में खबरें हैं कि फेसबुक इस पर अपना भविष्य दांव पर लगा सकता है। कंपनी एक साल में करीब 10 अरब डॉलर का निवेश करने वाली है। खबरें तो यह भी सामने आई कि फेसबुक ने अपना नाम इस नए प्रोजेक्ट के लिए ही बदला है।
                                                                                                                               -नरेश कोश्यारी

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