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Hindi News भारत राष्ट्रीय Navjot Singh Sidhu Surrender: पटियाला कोर्ट में नवजोत सिंह सिद्धू ने किया सरेंडर, मेडिकल के बाद भेजे जाएंगे जेल

Navjot Singh Sidhu Surrender: पटियाला कोर्ट में नवजोत सिंह सिद्धू ने किया सरेंडर, मेडिकल के बाद भेजे जाएंगे जेल

नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचे हैं। पटियाला कोर्ट के बाहर नवजोत सिंह सिद्धू के समर्थक बड़ी संख्या में खड़े हैं। सिद्धू ने संकेत दिए थे कि वे खुद को कानून के ​हवाले करेंगे।

Navjot Singh Sidhu- India TV Hindi Image Source : TWITTER Navjot Singh Sidhu

Highlights

  • रोडरेज केस में सिद्धू को कल गुरुवार को सुनाई गई थी एक साल की सजा
  • यह मामला करीब 34 साल पुराना है
  • कानूनी प्रक्रिया के बाद सिद्धू का मेडिकल कराया जाएगा

Navjot Singh Sidhu Surrender: रोडरेज केस में पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू इस वक्त पटियाला की कोर्ट में पहुंच गए हैं। माना जा रहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू कोर्ट के सामने सरेंडर के लिए पहुंचे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 34 साल पुराने एक रोड रेज मामले में एक साल की सख्त सजा सुनाई है। इसी सिलसिले में वह कोर्ट पहुंचे हैं। सिद्धू को पटियाला कोर्ट में सरेंडर करने के बाद कानूनी प्रक्रिया के बाद उनका मेडिकल कराया जाएगा। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को क्यूरेटिव पिटीशन तत्काल सुनने से इनकार कर दिया था जिसके बाद सिद्धू को अब कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा, नहीं तो पंजाब पुलिस उन्हें गिरफ्तार करेगी। सरेंडर करने से पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने कोर्ट से सेहत का हवाला देते हुए कुछ वक्त मांगा था।

सिद्धू की बड़ी मुश्किलें
कांग्रेस नेता और एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि नवजोत सिंह सिद्धू को मेडिकल ग्राउंड्स के आधार पर सरेंडर करने के लिए कुछ वक्त दिया जाए। इस पर बेंच ने कहा कि एक एप्लिकेशन फ़ाइल की जाए और CJI के सामने मेंशन किया जाए। कल गुरुवार को सिद्धू ने संकेत दिए थे कि वे खुद को कानून के ​हवाले करेंगे और पटियाला कोर्ट में सरेंडर करेंगे। सिद्धू हाल ही हुए विधानसभा चुनाव में हार गए थे। अब उन पर ये कोर्ट का फैसला आया है, इससे उनकी मुश्किलें हाल के समय में कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।

जानें क्या 1988 का पूरा मामला
बता दें कि सिद्धू के खिलाफ रोडरेज का मामला साल 1988 का है। सिद्धू का पटियाला में पार्किंग को लेकर 65 साल के गुरनाम सिंह नामक बुजुर्ग व्यक्ति से झगड़ा हो गया। आरोप है कि उनके बीच हाथापाई भी हुई। जिसमें सिद्धू ने कथित तौर पर गुरनाम सिंह को मुक्का मार दिया था। बाद में गुरनाम सिंह की मौत हो गई। पुलिस ने नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया।

इसके बाद मामला अदालत में पहुंचा। सुनवाई के दौरान सेशन कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू को सबूतों का अभाव बताते हुए 1999 में बरी कर दिया था। इसके बाद पीड़ित पक्ष सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गया। साल 2006 में हाईकोर्ट ने इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को तीन साल कैद की सजा और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी।

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