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Hindi News भारत राष्ट्रीय मुंबई: राज ठाकरे और बीजेपी के बीच क्या पक रहा है? देर रात घर पर मिलने पहुंचे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी

मुंबई: राज ठाकरे और बीजेपी के बीच क्या पक रहा है? देर रात घर पर मिलने पहुंचे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी

नितिन गडकरी रविवार रात मुंबई में राज ठाकरे के आवास पर पहुंचे थे। गडकरी ने कहा, 'ये राजनीतिक मुलाकात नहीं थी, राज ठाकरे और उनके परिवार के सदस्यों से मेरे अच्छे संबंध हैं।'

MNS Chief Raj Thackeray and Nitin Gadkari in Mumbai- India TV Hindi Image Source : ANI MNS Chief Raj Thackeray and Nitin Gadkari  in Mumbai

Highlights

  • राज ठाकरे के आवास पर पहुंचकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने की मुलाकात
  • ये कोई राजनीतिक मुलाकात नहीं थी- नितिन गडकरी
  • राज ठाकरे और उनके परिवार के सदस्यों से मेरे अच्छे संबंध- नितिन गडकरी

मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS)  प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) के बीच रविवार देर रात मुलाकात हुई है। इस मुलाकात के बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है क्योंकि राज ठाकरे कई बार महाविकास अघाडी सरकार की खुलेआम आलोचना कर चुके हैं। हालांकि नितिन गडकरी ने इस मुलाकात के बारे में कहा है कि ये कोई राजनीतिक मुलाकात नहीं थी। 

बता दें कि नितिन गडकरी रविवार रात मुंबई में राज ठाकरे के आवास पर पहुंचे थे। इस मुलाकात के बारे में गडकरी ने कहा, 'ये राजनीतिक मुलाकात नहीं थी, राज ठाकरे और उनके परिवार के सदस्यों से मेरे अच्छे संबंध हैं। मैं उनका नया घर देखने और उनकी मां की तबीयत के बारे में जानने के लिए गया था।' 

बता दें कि राज ठाकरे ने शनिवार को ये बयान दिया था कि अगर मस्जिदों में लाउड स्पीकर इतनी तेज बजना बंद नहीं हुए तो मस्जिदों के बाहर स्पीकर पर ज्यादा तेज आवाज में हनुमान चालीसा बजाया जाएगा। शिवाजी पार्क में एक रैली के दौरान उन्होंने ये बात कही थी, इसके बाद से वह चर्चा में बने हुए हैं। इस दौरान राज ने ये भी कहा था कि वह किसी धर्म के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उन्हें अपने धर्म पर गर्व है। 

बता दें कि राज ने अपने चचेरे भाई और महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कभी सीट बंटवारे के फॉर्मूले का जिक्र नहीं किया गया। इस पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था कि राज ठाकरे को निकाय चुनाव के नतीजों के बाद ही उद्धव ठाकरे के ढाई साल का मुख्यमंत्री पद वाले वादे की याद आ रही है। इनकी अकल इतनी देर बाद खुली है। भाजपा और शिवसेना में क्या हुआ है वो हम दोनों देख लेंगे। हमें तीसरे की जरूरत नहीं है।

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