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Hindi News भारत राष्ट्रीय Paytm, Razorpay और Cashfree के ठिकानों पर ED ने मारे छापे, चीनी नागरिकों के कंट्रोल में हैं ऐप

Paytm, Razorpay और Cashfree के ठिकानों पर ED ने मारे छापे, चीनी नागरिकों के कंट्रोल में हैं ऐप

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार को कहा कि चीनी नागरिकों के 'कंट्रोल' वाले ऐप आधारित इंसटेंट लोन आवंटन में कथित अनियमितताओं की जांच की जा रही है। इस सिलसिले में ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म रेजरपे, पेटीएम और कैशफ्री के बेंगलुरु स्थित 6 परिसरों पर छापेमारी की गई है।

ED raids Paytm, Razorpay and Cashfree offices- India TV Hindi Image Source : INDIA TV GFX ED raids Paytm, Razorpay and Cashfree offices

Highlights

  • रेजरपे, पेटीएम और कैशफ्री के बेंगलुरु ऑफिस पर छापे
  • इंसटेंट लोन आवंटन में कथित अनियमितताओं की जांच
  • प्रवर्तन निदेशालय की जांच में सामने आया बड़ा फर्जीवाड़ा

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार को कहा कि चीनी नागरिकों के 'कंट्रोल' वाले ऐप आधारित इंसटेंट लोन आवंटन में कथित अनियमितताओं की जांच की जा रही है। इस सिलसिले में ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म रेजरपे, पेटीएम और कैशफ्री के बेंगलुरु स्थित 6 परिसरों पर छापेमारी की गई है। जांच एजेंसी ने बताया कि तलाशी का यह अभियान कर्नाटक की राजधानी में स्थित इन कंपनियों के 6 परिसरों में शुक्रवार को शुरू हुआ था और अब भी यह अभियान जारी है। ईडी ने एक बयान में कहा, ‘‘चीन के व्यक्तियों के नियंत्रण या परिचालन वाले रेजरपे प्राइवेट लिमिटेड, कैशफ्री पेमेंट्स, पेटीएम पेमेंट सर्विस लिमिटेड और अन्य कंपनियों में तलाशी की कार्रवाई की गई।’’ 

जांच में सामने आया बड़ा फर्जीवाड़ा
ED ने कहा कि छापेमारी में चीन के व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित इन कंपनियों के ‘‘मर्चेंट आईडी और बैंक खातों’’ में जमा 17 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं। एजेंसी ने आरोप लगाया कि ये कंपनियां भारतीय नागरिकों के फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके उन्हें फर्जी तरीके से निदेशक बनाती हैं जबकि इन कंपनियों का नियंत्रण और परिचालन चीन के लोग करते हैं। ईडी अधिकारी ने बताया कि जांच के दायरे में आई ये कंपनियां पेमेंट सर्विस कंपनियों और बैंकों से जुड़ी मर्चेंट आईडी या खातों का इस्तेमाल करके अपराध का धन जुटा रही थीं और इन कंपनियों ने जो पते दिए थे, वे भी फर्जी हैं। 

ईडी के छापों पर पेटीएम, रेजरपे और कैशफ्री ने क्या कहा
इसको लेकर रेजरपे, कैशफ्री और पेटीएम ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि वे जांच एजेंसी के साथ पूरा सहयोग कर रही हैं। पेटीएम के प्रवक्ता ने कहा कि हम कानून प्रवर्तन एजेंसियों का सहयोग कर रहे हैं, जो मर्चेंट्स के एक विशेष समूह की जांच कर रही हैं। जांच के तहत इन मर्चेंट्स के बारे में कुछ जानकारी हासिल करने के लिए अधिकारी हमारे पास पहुंचे, जिसका हमने तुरंत जवाब दिया। पेटीएम के प्रवक्ता ने आगे कहा कि हम अधिकारियों के साथ सहयोग करना जारी रखेंगे और पूरी तरह से अनुपालन करेंगे। वहीं रेजरपे के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमारे कुछ मर्चेंट की लगभग डेढ़ साल पहले कानून प्रवर्तन ने जांच की थी। इस बारे में चल रही जांच के सिलसिले में अधिकारियों ने हमसे अतिरिक्त जानकारी मांगी। हमने पूरा सहयोग किया और केवाईसी और अन्य विवरण उन्हें दे दिए। इससे अधिकारी संतुष्ट हुए।’’ वहीं कैशफ्री पेमेंट्स ने कहा कि ईडी के अभियान में पूरा सहयोग दिया गया और जांच के दिन ही उन्हें आवश्यक जानकारी दी गई। 

ईडी की रडार पर कैसे आईं ये कंपनियां
ऑनलाइन पेमेंट सर्विस देने वाली कंपनियां कोविड-19 का प्रकोप शुरू होने के वक्त यानी 2020 से ही ईडी की निगाह में हैं। दरअसल कई राज्यों से कर्ज लेने वाले ग्राहकों की आत्महत्या के मामले सामने आए थे जिसके बाद ईडी ने धन शोधन रोकथाम कानून के तहत जांच शुरू की थी। पुलिस ने भी कहा था कि कर्ज ऐप कंपनियां कर्ज लेने वाले लोगों को डराती-धमकाती हैं। 

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