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Hindi News भारत राष्ट्रीय ऊर्जा जरूरतों से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की अपील, कहा- ‘एक व्यक्ति, एक प्रयोगशाला’ का दृष्टिकोण अपनाएं

ऊर्जा जरूरतों से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की अपील, कहा- ‘एक व्यक्ति, एक प्रयोगशाला’ का दृष्टिकोण अपनाएं

पीएम मोदी आज वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) सोसाइटी की बैठक में शामिल हुए। इस दौरान पीएम ने कहा कि ज्ञानिक समुदाय को भारत को ग्लोबल लीडर बनाने के लिए ‘विजन-2047' की ओर कदम उठाने चाहिए।

Prime Minister Narendra Modi- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Prime Minister Narendra Modi

Highlights

  • पीएम ने ‘सर्कुलर इकोनॉमी’ को बढ़ावा देने की कही बात
  • प्रधानमंत्री ने ‘विजन-2047’ की ओर कदम उठाने को कहा
  • सीएसआईआर के अध्यक्ष होते हैं देश के प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और सतत विकास के लिए ‘सर्कुलर इकोनॉमी’ को बढ़ावा देने के वास्ते उद्योग, शैक्षणिक और अनुसंधान संगठनों से समेकित प्रयास की शनिवार को अपील की। मोदी ने भविष्य के भारत और दुनिया की मांगों की जरूरतें पूरी करने के लिए पारंपरिक ज्ञान से लेकर छात्रों की रुचि, स्किल सेट और एफिशिएंसी की मैपिंग तक अलग-अलग क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण और तकनीक के इस्तेमाल की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) सोसाइटी की बैठक में यह टिप्पणी की। 

पीएम ने ‘विजन-2047’ की ओर कदम उठाने को कहा
प्रधानमंत्री सीएसआईआर के अध्यक्ष होते हैं। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मोदी ने वैज्ञानिक समुदाय से भारत को एक वैश्विक नेता बनाने के उद्देश्य से ‘विजन-2047’ की ओर कदम उठाने को कहा। उन्होंने वैज्ञानिक समुदाय से अनाज और बाजरे की नई किस्मों में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने के लिए तकनीकी समाधान लाने का आह्वान किया, ताकि उपज और पोषण सामग्री में सुधार किया जा सके। प्रधानमंत्री ने सीएसआईआर की पिछले 80 वर्षों की यात्रा के दस्तावेजीकरण के महत्व पर प्रकाश डाला, जो अब तक हुई प्रगति की समीक्षा में मदद कर सकता है और कमियों की पहचान कर उन्हें दूर किया जा सकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि तकनीक को आम आदमी तक पहुंचाने के लिए वैज्ञानिक, कमर्शियल और सामाजिक घटकों का एक एकीकृत दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए। 

‘एक व्यक्ति, एक प्रयोगशाला’ का दृष्टिकोण अपनाएं
मोदी ने वैज्ञानिक समुदाय के अग्रणी लोगों से वैज्ञानिक अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने में मदद के लिए ‘एक व्यक्ति, एक प्रयोगशाला’ का दृष्टिकोण अपनाने को कहा। प्रधानमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि सभी प्रयोगशालाओं का एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन नियमित रूप से आयोजित किया जा सकता है, जिसमें वे एक-दूसरे के अनुभव से नई चीजें सीख सकते हैं। 

सीएसआईआर ने पूरे किये 80 साल 
इससे पहले, अपने उद्घाटन भाषण में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जब भारत ने इस वर्ष आजादी के 75 साल पूरे किये तो सीएसआईआर ने 80 साल पूरे कर लिये हैं। उन्होंने उद्योग, शिक्षा और अनुसंधान के एकीकरण, तालमेल और निर्मूलीकरण पर जोर दिया। सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ एन कलाईसेल्वी ने सीएसआईआर की हालिया उपलब्धियों और योगदान पर एक प्रस्तुति दी। उन्होंने भारत की पहली हाइड्रोजन फ्यूएल सेल बस, जम्मू-कश्मीर में बैंगनी क्रांति की शुरुआत और भारत के समृद्ध पारंपरिक ज्ञान पर आधारित नवाचार को बढ़ावा देने के लिए टीकेडीएल लाइब्रेरी खोलने के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला।

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