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Hindi News भारत राष्ट्रीय PM Modi Birthday: पीएम मोदी ने बर्थडे पर कूनो नेशनल पार्क में छोड़े चीते, तस्वीरें भी खींची

PM Modi Birthday: पीएम मोदी ने बर्थडे पर कूनो नेशनल पार्क में छोड़े चीते, तस्वीरें भी खींची

PM Modi Birthday: चीतों के विशेष विमान से ग्वालियर हवाई अड्डे और फिर हेलीकॉप्टरों से श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क लाया गया।

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Highlights

  • नामीबिया से विशेष विमान से लाए गए चीतों को नेशनल पार्क में छोड़ा गया
  • पीएम मोदी अपने पेशेवर कैमरे से चीतों की तस्वीरें ली
  • 344 वर्ग किलोमीटर इलाके में फैला हुआ है कूनो नेशनल पार्क

PM Modi Birthday : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शनिवार को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों को एक विशेष बाड़े में छोड़ा। इस मौके पर मोदी अपने पेशेवर कैमरे से चीतों की कुछ तस्वीरें भी खींचते हुए दिखाई दिए। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भी है। उन्होंने अपना जन्मदिन कूनो नेशनल पार्क में मनाने का फैसला किया था। इस अवसर पर नामीबिया से विशेष विमान से लाए गए चीतों को नेशनल पार्क में छोड़ा गया।

सात दशक बाद देश में आए चीते

भारत में चीतों को विलुप्त घोषित किए जाने के सात दशक बाद उन्हें देश में फिर से बसाने की परियोजना के तहत नामीबिया से आठ चीते शनिवार सुबह कूनो नेशनल पार्क पहुंचे। पहले इन्हें विशेष विमान से ग्वालियर हवाई अड्डे और फिर हेलीकॉप्टरों से श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क लाया गया। शनिवार को अपना 72 वां जन्मदिन मना रहे प्रधानमंत्री मोदी ने चीतों को पार्क के एक विशेष बाड़े में छोड़ दिया। चीते धीरे-धीरे पिंजड़ों से बाहर आते दिखे। 

पीएम मोदी ने पेशेवर कैमरे से ली चीतों की तस्वीर

इस मौके पर मोदी अपने पेशेवर कैमरे से चीतों की तस्वीरें लेते हुए भी दिखाई दिए। इस मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मंच पर मौजूद थे। इन चीतों को ‘टेरा एविया’ की एक विशेष उड़ान में लाया गया है जो यूरोप में चिसीनाउ, मोल्दोवा में स्थित एक एयरलाइन है और चार्टर्ड यात्री और मालवाहक उड़ानें संचालित करती है। 

344 वर्ग किलोमीटर में फैला है कूनो नेशनल पार्क

कूनो नेशनल पार्क विंध्याचल की पहाड़ियों के उत्तरी किनारे पर स्थित है और 344 वर्ग किलोमीटर इलाके में फैला हुआ है। देश में अंतिम चीते की मौत 1947 में कोरिया जिले में हुई थी, जो छत्तीसगढ़ जिले में स्थित है। 1952 में चीते को भारत में विलुप्त घोषित किया गया था। भारत में फिर से चीतों को बसाने के लिए ‘अफ्रीकन चीता इंट्रोडक्शन प्रोजेक्ट इन इंडिया’ 2009 में शुरू हुआ था और इसने हाल के कुछ वर्षों में गति पकड़ी है। भारत ने चीतों के आयात के लिए नामीबिया सरकार के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। 

इनपुट-भाषा

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