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Hindi News भारत राष्ट्रीय President Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव में क्यों नहीं होता EVM का इस्तेमाल? कैसे होगा द्रौपदी मुर्मू और यशवंत सिन्हा की किस्मत का फैसला! यहां जानें

President Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव में क्यों नहीं होता EVM का इस्तेमाल? कैसे होगा द्रौपदी मुर्मू और यशवंत सिन्हा की किस्मत का फैसला! यहां जानें

President Election 2022: विधायक और सांसद ईवीएम के जरिए ही चुने जाते हैं। जबकि राष्ट्रपति चुनाव में ऐसा नहीं होता है। यहां जानिए पूरी बात।

EVM- India TV Hindi Image Source : PTI/REPRESENTATIVE PICTURE EVM

Highlights

  • राष्ट्रपति चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल नहीं होता
  • विधायक और सांसद ईवीएम के जरिए ही चुने जाते हैं
  • राष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के मुताबिक होता है

President Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, जबकि विधायक और सांसद ईवीएम के जरिए ही चुने जाते हैं। ऐसा क्यों होता है? क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है? दरअसल ईवीएम एक ऐसी टेक्नालॉजी पर आधारित है, जहां वह लोकसभा और राज्य विधानसभाओं जैसे प्रत्यक्ष चुनावों में वोट के एग्रेगेटर के तौर पर काम करती है। इसमें वोटर अपनी पसंद के उम्मीदवार के नाम के सामने वाला बटन दबाते हैं और जिसको सबसे ज्यादा वोट मिलता है, उसे सफल माना जाता है। 

वहीं राष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली  (Proportional Representation) के अनुसार एकल संक्रमणीय मत (Single Transferable Vote) के माध्यम से होता है। इसमें निर्वाचन करने वाला उतनी ही प्रीयॉरिटीजड पर टिक कर सकता है, जितने जितने उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।

इस चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल क्यों नहीं कर सकते?

ईवीएम को उस प्रणाली के आधार पर नहीं बनाया गया है, जिससे राष्ट्रपति का चुनाव होता है। ऐसे में वोट काउंट करने वाली ये मशीन राष्ट्रपति चुनाव के लिए फिट नहीं बैठती है। हालांकि राष्ट्रपति चुनाव के लिए भी मशीनरी का ही अगर इस्तेमाल करना चाहें तो फिर इस चुनाव के लिए खास तौर पर नई मशीन तैयार करनी होगी। 

कब से हो रहा ईवीएम का इस्तेमाल?

निर्वाचन आयोग की त्रैमासिक पत्रिका ‘माई वोट मैटर्स’ के अगस्त, 2021 के अंक के मुताबिक, 2004 से अब तक चार लोकसभा और 127 विधानसभा चुनाव ऐसे हुए हैं, जिसमें ईवीएम का इस्तेमाल किया जा चुका है। वहीं निर्वाचन आयोग की वेबसाइट का कहना है कि पहली बार 1977 में निर्वाचन आयोग में इसके बारे में सोचा था। इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल), हैदराबाद को ईवीएम को डिजाइन और विकसित करने का काम सबसे पहली बार सौंपा गया था। 

आज हो रही राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग 

गौरतलब है कि आज देश में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है। एनडीए की तरफ से द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) और विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) इस चुनाव में दावेदारी कर रहे हैं। ऐसे में 21 जुलाई को ये बात साफ हो जाएगी कि देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा। इस चुनाव के लिए वोटिंग आज सुबह 10 बजे शुरू हुई है। राज्यों की विधानसभा और संसद में विधायक, लोकसभा सांसद और राज्यसभा सांसद वोट डाल रहे हैं। वोटिंग का टाइम सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक है और ये वोटिंग बैलेट पेपर से हो रही है। (इनपुट: एजेंसी से भी)

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